कल्पवृक्ष एक चमत्कारिक वृक्ष है जिसे मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है
मनासा। वेद और पुराणों में कल्पवृक्ष का उल्लेख बेहद ही पवित्र और चमत्कारिक वृक्ष के रूप में किया गया है। सनातन धर्म की पारंपराओं के अनुसार कल्पवृक्ष स्वर्ग का वृक्ष है जो पूजनीय है। कहा जाता है कि ईश्वरीय शक्तियों से युक्त कल्पवृक्ष के नीचे बैठकर व्यक्ति जो भी इच्छा करता है वो अवश्य पूरी होती है। कई लोग तो ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक सिर्फ इस वृक्ष का नाम ही सुना होगा।
यह बहुत ही कम संख्या में पाया जाने वाला वृक्ष है जो देखने में दुर्लभ है। कल्पवृक्ष का पेड़ आसानी से किसी भी जगह पर नहीं लग पाता है। लेकिन आपको जानकर हर्ष होगा कि ऐसे ही दो पेड़ नीमच जिले में एक तो जावद में अठाना रोड पर हे व दूसरा चपलाना में, कल्पवृक्ष के इन दोनों पेड़ों पर अभी बहुत ही सुन्दर फूल लगे हैं। जिनके लोग बड़े आश्चर्य के साथ दर्शन कर रहे हैं। बरगद के वृक्ष जैसे दिखाई देने वाले कल्पवृक्ष एक फलदायी वृक्ष है जिसके कभी—कभार और बहुत ही कम संख्या में फूल लगते हैं,कल्पवृक्ष का पेड़ लगभग 70 फुट ऊंचा होता है वहीं, इसके तने का व्यास 35 फुट तक हो सकता है। 150 फुट तक इसके तने का घेरा हो सकता है। इस वृक्ष की औसत जीवन अवधि 2500-3000 साल होती है। आज सोमवती अमावस्या के अवसर पर मोखमपुरा चपलाना व आसपास के गावो के लोगो ने कल्पवृक्ष के पेड़ के दर्शन कर पूजा की व धर्मलाभ लिया। उक्त जानकारी पत्रकार गोपाल धनगर खजूरी ने दी।