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राजस्थान: सत्ता का जहाज उड़ाने के लिए बेताब हैं सचिन पायलट, क्या चल रहा है ऑपरेशन लोटस?

Neemuch Headlines July 12, 2020, 9:24 am Technology

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सुनिए। वह कह रहे हैं कि जब एक मुख्यमंत्री बन गया तो बाकी लोगों को शांत हो जाना चाहिए। अपना काम करना चाहिए। उनका यह इशारा और वार उपमुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट की तरफ है। सचिन पायलट अपना फोन बंद करके अज्ञातवास पर हैं।

सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में हैं। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर गांधी को पुराना वाद याद दिलाना चाहते हैं। सचिन पायलट के अनुसार बस। अब बहुत हो गया। सचिन पायलट के एक करीबी विधायक की माने तो राज्य की जनता अशोक गहलोत से काफी नाराज है और पायलट के साथ नाइंसाफी हो रही है। इस पूरे एपीसोड में सचिन पायलट को भी लग रहा है कि राजस्थान में सत्ता की जहाज उड़ाने का समय आ गया है।

राजस्थान को मिलेगा नया प्रदेश अध्यक्ष ? :-

जयपुर, भरतपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर में जहां भी कांग्रेस के नेताओं से बात कीजिए मानते हैं कि राज्य में गहलोत बनाम पायलट चल रहा है। अशोक गहलोत के खेमे ने राज्य में जल्द नया प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की सूचना को हवा दे रखी है। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का दफ्तर अभी इस बारे में कुछ नहीं बोल रहा है। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी शांत हैं। गहलोत के करीबी तो कहते हैं कि राज्य में उपमुख्यमंत्री पद का भी क्या मतलब है। वहीं सचिन पायलट के करीबी राजस्थान सरकार के एक मंत्री का कहना है कि यही हाल बना रहा तो राजस्थान में कांग्रेस का जनाधार गड़बड़ा जाएगा। वह कहते हैं कि सचिन पायलट का अपमान अच्छी बात नहीं है।

क्या ऑपरेशन लोटस चल रहा है ?:-

पायलट के दोस्त, राहुल गांधी के बेहद करीबी ज्योतिरादित्य अब भाजपा के राज्यसभा सांसद चुन लिए गए हैं। राज्य में नई सरकार और उसमें सिंधिया के करीबी दर्जन भर से अधिक मंत्रियों को शपथ दिलाई जा चुकी है। क्या इसी तर्ज पर भाजपा राजस्थान में ऑपरेशन लोटस चला रही है ? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो यही कह रहे हैं। इस संदर्भ में भाजपा के दो नेताओं भरत मलानी और अशोक सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों नेताओं पर आरोप हैं कि इन्होंने कांग्रेस विधायकों से संपर्क करके उनके खरीद-फरोख्त की कोशिश की है। इन दोनों नेताओं के खिलाफ राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओपी) ने 10 जुलाई को ही मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह जांच एडीजी एसओपी अशोक राठौर की निगरानी में चल रही है। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस संदर्भ में एसओपी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का भी बयान दर्ज करेगी। समय मांगा है। भाजपा के एक नेता और निर्दलीय विधायक रमिला खडिय़ा की बातचीत भी रिकार्ड हुई है। बताते हैं इसमें कहा जा रहा है कि सचिन पायलट सीएम बनना चाह रहे हैं। उनके अशोक गहलोत से मतभेद गहरा गए हैं। यह एक अच्छी कमाई का अवसर दे सकता है।

एंटी करप्शन ब्यूरो सक्रिय.......कुछ विधायक गुडग़ांव में :-

राजस्थान के कुछ कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के गुडग़ांव में होने की सूचना है। बताते हैं सचिन पायलट हाई कमान के पास अपनी बात रखने, दावा मजबूत करने के लिए समय मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की टिप्पणी को भी इससे जोड़ा जा रहा है। दोनों गुट की खींचतान के बीच में राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने तीन विधायकों के बीच में बातचीत की रिकार्डिंग के आधार पर शिकायत दर्ज की है। इनमें दो निर्दलीय विधायक (ओम प्रकाश हुड़ला, सुरेश टांक) हैं। दोनों विधायकों से कांग्रेस के विधायक सुखबीर सिंह जोजावर की बातचीत सामने आई है। बताते हैं इन विधायकों ने बासवाड़ा के विधायकों को पाला बदलने का लालच दिया है।

मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री लड़ रहे हैं तो भाजपा का क्या दोष ? :-

केन्द्र सरकार के एक मंत्री हैं। राजस्थान के वरिष्ठ नेता हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से उनके अच्छे समीकरण नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री झगड़ रहे हैं। राज्य सरकार में आपसी तालमेल की कमी है। कांग्रेस के इन दोनों नेताओं के राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में भाजपा को घसीटना ठीक नहीं है।

ऑपरेशन लोटस की पहली पसंद है गुडग़ांव :-

मोदी सरकार-1 हो या-दो, ऑपरेशन लोटस के लिए गुडग़ांव बागियों की पहली पसंद रही है। कर्नाटक हो या उत्तराखंड कांग्रेस के विधायक पहले गुडग़ांव में ही आकर रुके। मध्य प्रदेश की सरकार गिराने के पहले भी बागी विधायक गुडग़ांव आए थे और बाद में कर्नाटक गए। राजस्थान के नाराज विधायकों को लेकर भी इसी तरह की सूचना आ रही है।

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