प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन करते हुए माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री हृदेश श्रीवास्तव ने वर्तमान न्याय प्रणाली में टेक्नोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डाला और अधिवक्ता गण को तकनीकी रूप से सशक्त रहने और समय के साथ अपडेट होते रहने की सलाह दी।
प्रथम अपर जिला न्यायाधीश अजय सिंह ठाकुर ने जिला न्यायालय परिसर में स्थापित ई सेवा केंद्र द्वारा दी जा रही सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। ठाकुर ने व्यक्त किया कि वर्तमान समय में कोरोनावायरस के कारण जेल में बंदियों से उनके परिजनों की मुलाकात बंद है लेकिन ई सेवा केंद्र के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बंदियों से मुलाकात की जा सकती है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेकानंद त्रिवेदी ने अधिवक्ता गण को इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस से संबंधित विधिक प्रावधानों को अत्यंत सरल भाषा में और उदाहरण सहित समझाया ।वर्तमान समय में मोबाइल और कंप्यूटर के बढ़ते हुए उपयोग को देखते हुए उनमें संग्रहित वीडियो, फोटो आदि सूचनाओं को न्यायालय में किस तरह साक्ष्य में प्रयोग किया जा सकता है इसके बारे में विस्तार से बताया गया। अपर जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संजय जैन ने अधिवक्ता गण किसी भी प्रकरण की तैयारी कैसे करें और अपने पक्षकार के हितों का ध्यान रखते हुए न्याय दान में किस तरह सहायता कर सकते हैं, इस बारे में विस्तार से बताते हुए सभी का आभार भी व्यक्त किया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान अधिवक्ता गण की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। प्रशिक्षण सत्र में शामिल नीमच मनासा एवं जावद के अधिवक्तागण ने कोरोना काल में इस तरह के प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताते हुए प्राधिकरण द्वारा आगे भी इस तरह के प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाने पर बल दिया।