भोपाल। मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दो सालों में प्रदेश का परिदृश्य बदला है और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों तक पहुंचा है।
उन्होंने दावा किया कि विकास कार्यों का असर अब कागजों से निकलकर जमीन पर साफ दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री ने नक्सलवाद जैसी पुरानी समस्याओं के खातमे और सामाजिक-आर्थिक मोर्चे पर प्रदेश की प्रगति का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां हर वर्ग को केंद्र में रखकर बनाई गई हैं, जिसके ठोस परिणाम सामने आए हैं। सरकार की उपलब्धियों में सबसे अहम फोकस ‘आधी आबादी’ पर रहा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश की सबसे लोकप्रिय ‘लाड़ली बहना योजना’ के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता को ₹1,250 से बढ़ाकर ₹1,500 प्रतिमाह कर दिया गया है। इसके अलावा, सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सीएम ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्य प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। वहीं, रेडीमेड गारमेंट उद्योग में काम करने वाली महिला श्रमिकों को ₹5,000 की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय भी लिया गया है। किसानों के लिए बोनस और सिंचाई का विस्तार किसानों को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश अब दलहन, तिलहन, मक्का और टमाटर उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ₹175 प्रति क्विंटल का बोनस दिया गया है। इसके साथ ही सोयाबीन के लिए भावांतर योजना लागू की गई है। सिंचाई क्षमताओं के विस्तार पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि दिसंबर 2024 तक लगभग 55 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित की जा चुकी है। सरकार ने वर्ष 2028-29 तक इसे बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा है। युवा, शिक्षा और रोजगार शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश नई शिक्षा नीति (NEP-2020) लागू करने वाला पहला राज्य है। प्रदेश में 55 ‘पीएम एक्सीलेंस कॉलेज’ खोले गए हैं और मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 52 हो गई है। स्कूल शिक्षा में सुधार के लिए ‘हमारे शिक्षक’ ऐप के जरिए ई-अटेंडेंस व्यवस्था लागू की गई है। ड्रॉपआउट दर कम करने के लिए चलाए गए अभियान के तहत 6 लाख से अधिक बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ा गया है। वहीं, मेधावी छात्रों को लैपटॉप और छात्राओं को स्कूटी देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। गरीब कल्याण और मजदूरों को न्याय मुख्यमंत्री ने इंदौर की हुकुमचंद मिल के ऐतिहासिक विवाद के समाधान को बड़ी उपलब्धि बताया।
उन्होंने कहा कि मिल के 4,800 श्रमिक परिवारों को ₹224 करोड़ का भुगतान कर उन्हें न्याय दिलाया गया है। गरीब कल्याण मिशन के तहत सवा करोड़ से अधिक परिवारों को मुफ्त राशन और पीएम आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत 10 लाख नए आवासों का निर्माण किया जा रहा है।