रामपुरा। श्रीमान् रौनक पाटीदार, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्रृंखला न्यायालय, रामपुरा द्वारा भरी पंचायत में मारपीट कर फरियादी की नाक तोड़कर गंभीर चोट पँहुचाने वाले तीन आरोपीगण (1) घासीराम पिता गोरीलाल बंजारा, उम्र-65 वर्ष, (2) दिनेश पिता घासीराम बंजारा, उम्र-33 वर्ष एवं (3) राकेश पिता घासीराम बंजारा, उम्र-31 वर्ष, तीनों निवासी-ग्राम भागल, थाना रामपुरा, जिला नीमच को धारा 325/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं श्री अरविंद थापक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 09 वर्ष पूर्व दिनांक 21.02.2016 को सुबह के लगभग 9 बजे ग्राम भागल स्थित राम मंदिर के सामने की हैं। फरियादी दिनेश सुरावत ने थाना कुकड़ेश्वर में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि घटना दिनांक को वह उसके घर पर था, तभी वहा पर उसके मौसाजी लख्मीचंद ने आकर कहा कि उसके घर पर रात्रि में किसी ने पत्थर फेंके थे, इसी बात को लेकर गांव में पंचायत इकट्ठी हो रही है और तुम्हें भी बुलाया हैं। इसके बाद वह उसके मौसाजी के साथ पंचायत पर गया था, जहॉ पर आरोपीगण बैठे हुए थे, जिन्होंने उससे कहा कि लखमीचंद्र के घर के उपर रात्रि में पत्थर किसने फेंके, इस बात पर फरियादी ने कहा कि कि आसपास वाले हो सकते हैं।
इस बात पर आरोपीगण फरियादी के साथ विवाद करते हुवे कहने लगे कि तू हमारा नाम ले रहा है और उसके साथ झापट व मुक्कों से मारपीट करने लगे और उसके बाल पकड़ पर भी खींचे और शर्ट भी फाड़ दिया। पंचायत में उपस्थित लोगो द्वारा बीच-बचाव किया गया। फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान फरियादी का मेडिकल कराया गया जिसमें मारपीट के कारण उसकी नाक में फ्रैक्चर होना पाया गया। इसके पश्चात् आवश्यक विवेचना के उपरांत अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी एवं बीच-बचाव करने वाले चश्मदीद साक्षीगण सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुवे आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया तथा अर्थदण्ड की सम्पूर्ण राशि को फरियादी को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी एडीपीओं अरविंद थापक द्वारा की गई।