उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि भारत के संविधान की मूल भावनान्याय, समता और बंधुता हैं।
योगी ने कहा ‘भारत रत्न’ बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अद्भुत दृष्टि, प्रखर विचार और अथक परिश्रम से निर्मित हमारा संविधान विश्व के सबसे सशक्त लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है। संविधान दिवस के अवसर पर राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए, योगी ने कार्यक्रम में भारत के संविधान की उद्देशिका को पढ़ा और सभी ने उनके साथ उसे दोहराया “हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष लोक तंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ संकल्प होकर अपनी संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 इसवी मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी संवत 2006 विक्रमी को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।” योगी ने कहा आज भारत के संविधान को अंगीकृत किये जाने के अमृत महोत्सव का समारोप (समापन) है 2015 से प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से पूरा देश 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में आयोजित करता है मैं सबसे पहले संविधान के शिल्पी बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की स्मृतियों को नमन करता हूँ और आप सभी को इस अमृत महोत्सव एक अवसर पर शुभकामनायें देता हूँ, संविधान के निर्माण के 75 वर्ष पूरे होने पर आप सबको बधाई देता हूँ।
अयोध्या श्रीराम मंदिर में ध्वजारोहण के बाद सीएम योगी ने सबका आभार जताया, कहा “राष्ट्र में नवजागरण का प्रकाश आलोकित” 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में तैयार हुआ संविधान योगी ने कहा 1946 में हुए संविधान सभा के चुनाव के बाद गठित संविधान सभा ने भारत के संविधान का गठन किया था जिसकी अध्यक्षता डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की थी, इसकी ड्राफ्टिंग कमेटी के रूप में बाबा साहब की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी इसे बनाने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे इसके निर्माण में जिन स्वाधीनता संग्राम सेनानियों ने अपना योगदान दिया और उस क्षेत्र के विशषज्ञों में इसमें सहयोग किया आज उस्क्सी का परिणाम है कि दुनिया में सबसे बड़ा संविधान भारत का ही है, इसके लिए हम सब भारतवासियों को ‘भारत रत्न’ बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के द्वारा निर्मित संविधान पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। हम स्वतंत्रता की वास्तविक कीमत को भूलते जा रहे योगी ने कहा अक्सर होता है कि हम में से हर व्यक्ति स्वतंत्र भारत का नागरिक होने के बाद स्वतंत्रता की वास्तविक कीमत को भूलते जा रहे हैं क्योंकि हमने स्वाधीनता की लड़ाई को देखा नहीं हैं हमने उन क्रूर यातनाओं को नहीं सहा इसका परिणाम ये है कि आज हर व्यक्ति अपने अधिकार की बात करता है लेकिन ये अधिकार तब संरक्षित होते हैं, अधिकार तब सुरक्षित होते हैं और अधिकार संपन्न व्यक्ति तब होता है जब वो व्यक्ति स्वयं अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की आदत डाले।
कर्तव्य के बिना अधिकार नहीं हो सकता योगी ने कहा कर्तव्य के बिना अधिकार नहीं हो सकता और जिन लोगों ने भी कर्तव्य के बिना अधिकार प्राप्त करने का प्रयास किया है वहां पर लोकतंत्र नहीं तानाशाह उस पूरी व्यवस्था को अपनी गिरफ्त में लेकर आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को रौंदता दिखाई देता है लेकिन भारत इस मामले में सौभाग्यशाली है कि भारत ने अपने संविधान को हमेशा लागू होने के बाद से सर्वोपरि मानकर सदैव इसे सम्मान दिया है। अपने स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को अपने प्रतीकों को सम्मान दिया है साथ ही संविधान की मूल भावना को अपने जीवन का हिस्सा का प्रयास किया।