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उत्तराखंड में 15 नवंबर को सभी जिलों में भूकंप मॉक ड्रिल, ‘भूदेव एप’ से मिलेगा अलर्ट

Neemuch headlines October 30, 2025, 5:01 pm Technology

उत्तराखंड में 15 नवंबर को भूकंप और उससे उत्पन्न अन्य आपदाओं से निपटने की तैयारी को परखने के लिए राज्य के सभी 13 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसको लेकर बुधवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूकंप पर राज्यस्तरीय मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने ड्रिल की तैयारियां तेज कर दी हैं। सभी जिलों में भूकंप मॉक ड्रिल सचिव सुमन ने कहा कि 12 नवंबर को टेबल टॉप एक्सरसाइज होगी, जिसमें सभी जिलों के अधिकारी अपनी तैयारियों, संसाधनों और योजनाओं की जानकारी देंगे। इसके बाद 15 नवंबर को राज्यभर में मॉक ड्रिल की जाएगी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील राज्य है, जहां सभी जिले सिस्मिक जोन 4 और 5 में आते हैं। इसलिए इस अभ्यास से आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि आईआईटी रुड़की के सहयोग से राज्य में सायरन और सेंसरों की संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि भूकंप की स्थिति में तुरंत अलर्ट जारी हो सके। इसके साथ ही “भूदेव एप” विकसित किया गया है, जो पांच या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आने पर लोगों के मोबाइल पर तुरंत चेतावनी संदेश भेजेगा।

बैठक में अपर सचिव आनंद स्वरूप सहित सभी जिलों के अधिकारी और विशेषज्ञ ऑनलाइन जुड़े। पिथौरागढ़ को 85 करोड़ की सौगात, CM धामी ने सहकारिता मेले में किया कई विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास क्या है मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य? अपर सचिव आपदा प्रबंधन आनंद स्वरूप ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य जिलों की तैयारी, विभागों के बीच तालमेल और प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन करना है। वहीं, डीआईजी और अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार नेगी ने कहा कि ड्रिल में बहुमंजिला इमारतों के ढहने, पुल और फ्लाईओवर के टूटने, बांध विफलता से आई बाढ़, ग्लेशियर झील फटने और भूस्खलन जैसी स्थितियों पर अभ्यास किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान राहत शिविरों की स्थापना की जाएगी।

इन शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, बच्चों के लिए आहार और गर्भवती महिलाओं की सुविधाओं की वास्तविक जांच की जाएगी। इस अभ्यास से राज्य के आपदा प्रबंधन तंत्र की कार्यक्षमता और तत्परता को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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