भोपाल । भोपाल जिले की ग्राम पंचायत दिल्लौद की श्रीमती ओमवती बाई ने मनरेगा अंतर्गत संचालित “एक बगिया माँ के नाम” योजना के माध्यम से आत्मनिर्भरता की दिशा में उल्लेखनीय कदम बढ़ाया है। स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती ओमवती बाई को इस योजना के अंतर्गत ₹2.82 लाख की स्वीकृति मिली, जिसके तहत उन्होंने अपने खेत में 100 अमरूद के पौधे लगाए। इन पौधों से प्राप्त फलों को बाजार में बेचकर अब वे अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं। जनपद पंचायत स्तर पर आयोजित प्रशिक्षण में उन्हें और अन्य हितग्राहियों को पौधों की रोपण दूरी, सुरक्षा उपायों और जैविक कीटनाशकों के उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी बगिया को मेहनत और लगन से विकसित किया। आज उनकी बगिया हरी-भरी है और इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है। श्रीमती ओमवती बाई का कहना है कि “पहले मजदूरी के लिए बाहर जाना पड़ता था, अब हमारी बगिया ही हमारा रोज़गार बन गई है।” उनकी यह सफलता न केवल उनके लिए बल्कि पूरे गाँव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई है। “एक बगिया माँ के नाम” जैसी योजनाएँ यह साबित करती हैं कि सरकारी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण महिलाएँ आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नया इतिहास लिख रही हैं।