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दिवाली पर मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, शुभ मुहूर्त में पूजा कर चढ़ा दें इस सफेद मिठाई का भोग

NEEMUCH HEADLINES October 20, 2025, 3:26 pm Technology

प्रकाश का महापर्व दीपावली आज, यानी 20 अक्टूबर को पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है.

सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की इस पावन रात्रि को धन की देवी मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर विचरण करती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं. इसी विशेष अवसर पर भक्तजन मां लक्ष्मी और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करके माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या नगरी में अभूतपूर्व हर्ष और उत्साह का माहौल था. अपने प्रिय राजा के लौटने की खुशी में, अयोध्यावासियों ने पूरी नगरी को घी के दीपक जलाकर प्रकाशित कर दिया था. कहा जाता है कि इसी पावन और मंगलकारी घटना की स्मृति में, हर साल यह दीपों का त्योहार 'दीपावली' (दीपावली) के रूप में मनाए जाने की परंपरा शुरू हुई.

लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए कई अत्यंत शुभ संयोग :-

शुभ मुहूर्त समय विशेषता

पहला मुहूर्त (प्रदोष काल ) :- शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक संध्या काल में होने वाला यह मुहूर्त पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है.

दूसरा मुहूर्त (वृषभ काल) :-

शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 03 मिनट तक यह स्थिर लग्न का मुहूर्त है, जिसमें पूजा करने से मां लक्ष्मी चिरकाल तक घर में वास करती हैं।

सर्वश्रेष्ठ/सर्वोच्च मुहूर्त :-

शाम 07 बजकर 08 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक यह पूजन का सर्वोत्तम समय है, जिसमें आपको लक्ष्मी-गणेश की आराधना के लिए 1 घंटा 11 मिनट का पुण्य काल मिलेगा।

दिवाली पर मां लक्ष्मी को चढ़ाएं इस सफेद मिठाई का भोग :-

मां लक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है. दिवाली पर मां लक्ष्मी की विशेष, कृपा पाने के लिए उनको रबड़ी का भोग चढ़ाना चाहिए.

दिवाली पर कैसे करें मां काली की पूजा, जानें :-

मां काली की पूजा के लिए ईशान कोण में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उनकी मूर्ति को स्थापित करें. मां काली की मूर्ति के सामने दीपक जलाकर उनका ध्यान करें.मां काली का पवित्र जल से स्नान कराकर उनकी साधना प्रारंभ करें. मां काली को हल्दी, चंदन, रोली अक्षत आदि से अर्पित करें. फिर उन्हें गुड़हल या फिर लाल रंग के पुष्प अर्पित करें.माता को फल, मिठाई, खीर आदि का भोग लगाएं. माता काली को धूप, दीप दिखाएं और उनके मंत्रों —

'ॐ क्रीं कालीकायै नमः',

‘ॐ क्रीं काली' अथवा

‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' का जप करें.

पूजा के अंत में माता काली की पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ आरती और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें।

दिवाली पर मां काली की पूजा का शुभ मुहूर्त जानें :-

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी, विघ्नविनाशक गणेश जी और कुबेर देवता के साथ ही 10 महाविद्या में से एक मां काली की भी पूजा बेहद शुभ मानी जाती है. मां काली की विशेष पूजा का समय रात्रि में निशिता काल में 11 बजकर 41 मिनट से लेकर अर्धरात्रि 00:31 बजे तक रहेगा।

दिवाली पूजा में भूल के लिए मां लक्ष्मी से कैसे मांगे काफी :-

दिवाली पूजा पूरी होने के बाद पूजन में हुई भूल-चूक के लिए क्षमायाचना करनी चाहिए. इसके साथ ही पूरे साल गणेश-लक्ष्मी समेत सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहने के लिए प्रार्थना और कामना करनी चाहिए। दिवाली पूजा के दौरान माता महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी अष्टकं या फिर अष्टलक्ष्मी मंत्र का पाठ करें :-

ॐ आद्यलक्ष्मै नम:

ॐ विद्यालक्ष्म्यै नमः

ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नमः

ॐ अमृतलक्ष्म्यै नमः

ॐ काम्यलक्ष्म्यै नमः

ॐ सत्यलक्ष्म्यै नमः

ॐ भोगलक्ष्म्यै नमः

ॐ योगलक्ष्म्यै नमः

दिवाली पर ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा :-

दिवाली पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा में सबसे पहले उनकी मूर्ति पर जल छिड़कें और हथ में थोड़ा अक्षत लेकर मां महालक्ष्मी का ध्यान करते हुए ये मंत्र बोलें.

अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च. अस्यै

देवत्वमर्चायै मामहेति च कश्चन।।

फिर लाल कमल, वस्त्र, आभूषण, रोली-चंदन, सिंदूर, कुंकुम, अक्षत, हल्दी की गांठ, गुड़, धनिया, फल-फूल, मिष्ठान आदि माता को अर्पित करें. इसके बाद पान सुपाड़ी, लौंग, इलायची अर्पित करें. फिर धूप-दीप दिखाते हुए माता लक्ष्मी की पूजा करें. इसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा चढ़ाएं और लक्ष्मी अष्टकं या फिर अष्टलक्ष्मी मंत्र का पाठ करें।

दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त देखें :-

गणेश-लक्ष्मी पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त - शाम 07:08 से लेकर 08:18 बजे तक प्रदोष काल की पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 05:46 से लेकर रात्रि 08:18 बजे तक वृषभ काल की पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 07:08 से लेकर रात्रि 09:03 बजे तक।

दिवाली पर ऐसे करें लक्ष्मी-गणेश की पूजा :-

गणेश-लक्ष्मी की विशेष पूजा करने के लिए उससे जुड़ा सारा सामान पूजा स्थल के पास रखेंस्नान-ध्यान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर आसन पर बैठें. ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा की ओर एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा रखें. ध्यान रहे कि लक्ष्मी जी की मूर्ति हमेशा गणेश जी के दाहिनी तरफ होनी चाहिए. गणेश लक्ष्मी के सामने चावल की ढेरी बनाकर पवित्र जल भरा कलश रखें.इसके उपर नारियल को लाल रंग के कपड़े में लपेट कर रखें. कलश के सामने दो बड़े दीपक रखें. जिसमें से एक दीपक घी का और दूसरा सरसों के तेल भरें. तेल वाला दीपक चौकी के पास दायीं ओर और दूसरा घी वाला दीपक गणेश लक्ष्मी के चरणों के पास रखें. एक छोटी चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर एक मुट्ठी चावल से नवग्रह और दूसरी तरफ षोडशमातृका बनाएं. चौकी पर रोली से स्वास्तिक भी बनाएं. फिर भगवान का ध्यान करते हुए अपनी पूजा करें।

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