इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर जिला आएदिन किसी-न-किसी मुद्दे को लेकर चर्चा का विषय बना रहता है। इसी बीच क्राइम ब्रांच ने एक बड़े धोखाधड़ी के मामले में FIR दर्ज किया है। जिसके तहत शहर में क्लब और बार खोलने के बहाने फरियादी से करोड़ों रुपए की ठगी की गई। मिली जानकारी के अनुसार, फरियादी अंकुर बग्गा ने रोहन नामक व्यक्ति के जरिए इन आरोपियों से संपर्क किया था। जिसके बाद उनसे करोड़ों की ठगी की गई। बता दें कि फरियादी फिलहाल इंदौर में रहते हैं, जो पहले पुणे में नौकरी करते थे। अंकुर बग्गा के मुताबिक, आरोपियों ने उन्हें बताया कि इंदौर में क्लब और बार का व्यवसाय बेहद लाभदायक है। शुरुआती निवेश लगभग 1.60 करोड़ रुपए होगा, लेकिन साल भर में यह व्यवसाय 8 करोड़ रुपए तक का कारोबार कर सकता है। फर्जी लाइसेंस इस लालच और मुनाफे के झांसे में आकर फरियादी ने अलग-अलग समय पर 2.40 करोड़ रुपए आरोपियों को ट्रांसफर किए। बता दें कि पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने आबकारी विभाग से लाइसेंस नवीनीकरण कराने के लिए फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया। इसके जरिए उन्होंने लाइसेंस को रिन्यू करा लिया। इसके बावजूद, फरियादी को न तो पार्टनर बनाया गया और न ही किसी मुनाफे का हिस्सा दिया गया। इसकी जानकारी लगते ही फरियादी सीधे क्राइम ब्रांच पहुंचा, जहां उसकी शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए टीम का गठन किया गया है और दोनों आरोपियों की तलाश भी शुरू कर दी गई है। मामले में अंकुर बग्गा का कहना है कि आरोपियों ने उनके साथ धोखाधड़ी करते समय पूरी तरह से पेशेवर योजना बनाई थी। उन्हें विश्वास दिलाया गया कि व्यवसाय निवेश के लिए तैयार है और तुरंत लाभ होगा। फिलहाल, वह न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। एडिशनल डीसीपी ने दी जानकारी क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। उन्होंने पूरे मामले को बताते हुए कहा कि जल्द ही धोखाधड़ी में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं, पुलिस ने फरियादी को भरोसा दिलाया है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ ट्रांसफर किए गए रुपए की रिकवरी के प्रयास भी किए जाएंगे। साथ ही इंदौर में व्यवसायिक धोखाधड़ी के मामलों पर सभी को चेतावनी भी दी गई है।