नीमच से चीताखेड़ा सड़क हो गई छलनी, बरसात के पानी से सड़क पोखर में हुई तब्दील, वाहन चालकों के लिए बनी जानलेवा
चीताखेड़ा। गड्ढों में गड्डे, गड्ढों में केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार की उन्नत सड़कें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती नजर आ रही है। चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात की तर्ज पर सड़क पर गड्ढों में गिट्टी मिट्टी से भरे गए थे लेकिन चार दिन बाद वही हाल हो गया।सारी गिट्टी मिट्टी वाहनों के टायरों से गायब हो गया मटेरियल।
नीमच विधानसभा क्षेत्र के चीताखेड़ा से नीमच सड़क की दुर्दशा की, सड़क पर गड्डे कहे या गड्ढों में सड़क। यहां तो सड़क गड्ढों में खो गई है। जिला मुख्यालय से जुड़े ग्रामीण अंचलों की बरसात से कई सड़कों की हालत जीर्णशीर्ण हो गई है। वहीं सड़कों के गड्ढे इन दिनों जानलेवा बन रहे हैं। फिसलन और कीचड़ से सनी सड़कों पर लोगों का पैदल चलना तक दूभर हो गया है। जिला मुख्यालय से चीताखेड़ा गांव को जोड़ती मुख्य सड़क का हाल तो और भी बुरा है। सड़क पर आवागमन वाहन धारियों के लिए सिर दर्द और जान का खतरा बना हुआ है। चीताखेड़ा से नीमच पहुंच सड़क मार्ग पर महुडिया में तो सड़क पूरी तरह से छलनी होकर गड्ढों में खो गई है यहां हर आधे फिट पर गड्डे इतने हैं कि एक गड्डे में गिरने से बचने के लिए 10 गड्डों में गिरना पड़ रहा है,वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। यहां सड़क किनारे रहवासियों के तो बुरे हाल है घरों के बाहर खड़े रहना भी मुश्किल हो गया है। घर के बाहर निकलते ही मार्ग से गुजरने वाले वाहनों से किचड़ उछलकर लथपथ कर दिया जाता है। इन दिनों बरसात के शुरुआती दौर में ही चीताखेड़ा से नीमच जोड़ रही मुख्य सड़क की हालत तो बदतर हो गई है। जहां ऐसे रास्ते जो सड़क छोटे-छोटे तालाब में बदल गई हैं, इनसे राह चलते लोगों को भारी समस्या उठानी पड़ रही है वही रास्तों के बीचो-बीच गड्ढों के चलते दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं यही हाल कराडिया महाराज घाटी और धामनिया बस स्टैंड पर सड़क की है पानी की निकासी नहीं होने के कारण पानी भरा हुआ रहता है।
सड़क में जगह-जगह हुए अनगिनत गड्ढों में इन दिनों जलभराव के बाद का नजारा तो और भी ज्यादा खतरनाक है। यह सड़क मार्ग पूरी तरह से छलनी हो गई है गड्ढों में सड़क परिवर्तित हो गई है, बारिश का पानी भर जाने से पोखर में बदल चुकी हैं। हर वक्त दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है इस रास्ते की बदहाली को लेकर दिन-प्रतिदिन इलाकाई लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है।बस मालिकों का कहना है कि सरकार हम से जब टेक्स वसूल करती है तो सड़क सुविधा क्यों नहीं दी जाती है। बसों में आए दिन कमानी पत्ते टूट रहे हैं। हमें आर्थिक रूप से नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
प्रशासन का रवैया ढुलमुल :-
नीमच विधानसभा क्षेत्र के चीताखेड़ा समेत क्षेत्र में कई जगह खस्ताहाल सड़कों के बावजूद प्रशासन ने कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए। खासकर चीताखेड़ा से नीमच और चीताखेड़ा से जीरन पहुंच मार्ग में विगत कई वर्षों से सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है जहां से सफर जानलेवा होने के बावजूद प्रशासन ने गड्ढों को वैकल्पिक व्यवस्था से ठीक कराने की कोई व्यवस्था नहीं की।
इन गांवों की जनता आज भी डामरीकरण सड़क के लिए तरस रही है :-
आज भी राबडिया से हरनावदा,बरकटी से घसुण्डी जागीर, जामनगर से बरकटी, पिपलिया जागीर से खडवेलिया, चीताखेड़ा से गमेरपुरा,भिलोकाखेडा, हरनावदा से गोविंदपुरा गांव की जनता डामरीकरण सड़क के लिए तरस रही है। नीमच क्षेत्रीय विधायक दिलीप सिंह परिहार विगत 13 सालों से विकास के लिए कृतसंकल्पित जरुर रहे हैं। लेकिन भाषण बाज बनकर रह गए हैं।
इनका कहना :-
नीमच चीताखेड़ा मार्ग टू लाइन स्वीकृति मिल गई है और टेंडर भी हो गया है। सिर्फ आर्डर मिलना शेष है। अभी इन गड्ढों में स्थाई निर्माण नहीं कर सकते हैं।मडूडिया , धामनिया और कराड़िया महाराज में मुख्य सड़क पर ज्यादा गड्डे हो गये है हम उसमें फिलहाल मिट्टी भरवाकर वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र ही करवाकर चलायमान कर लेंगे। एस.डी.ओ.सुरज जानिया, पीडब्ल्यूडी विभाग नीमच।