अजमेर दरगाह परिसर में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर चल रहा विवाद शनिवार को कोर्ट में फिर से चर्चा का विषय बना। इस मामले की सुनवाई सिविल कोर्ट में हुई, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और अल्पसंख्यक विभाग की अर्जी खारिज कर दी गई।
दरगाह कमेटी की याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 1 नवंबर तय की। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और कोर्ट परिसर के आसपास भारी पुलिस बल तैनात था। पिछली सुनवाई 30 अगस्त को हुई थी, जिसमें ASI और अल्पसंख्यक विभाग ने दावा किया था कि याचिकाकर्ता ने कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की थी। सुरक्षा के कड़े इंतजाम मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट परिसर और आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया। सिविल लाइंस पुलिस के अतिरिक्त बल भी लगाए गए। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अदालत ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए। पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुनवाई के दौरान शांति बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया।
अजमेर दरगाह विवाद में बड़ा झटका, कोर्ट ने ASI की अर्जी खारिज की, अगली सुनवाई 1 नवंबर को पिछली सुनवाई और पक्षों की दलीलें 30 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में ASI और अल्पसंख्यक विभाग ने कोर्ट से याचिका खारिज करने की मांग की थी। उनका कहना था कि याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने मंदिर का दावा करते समय कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की। वहीं, गुप्ता के वकील ने यह तर्क दिया कि यह मामला अधिकार क्षेत्र का है और आवेदन जरूरी नहीं था। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विभागों के आवेदन खारिज कर दिए। आगे की सुनवाई 1 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई 1 नवंबर को होगी। विष्णु गुप्ता ने दावा किया था कि दरगाह परिसर में संकट मोचन शिव मंदिर स्थित है और वहां पूजा-पाठ पर रोक नहीं लगनी चाहिए। दरगाह कमेटी और केंद्रीय पुरातत्व मंत्रालय ने इसके खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। मंत्रालय के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने मुकदमा दायर करने से पहले उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
अब यह मामला अगली तारीख पर सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया गया है।