उत्तर प्रदेश के नोएडा में 31 अगस्त को सेक्टर 74 के वेडिंग क्राउन सम्राट हॉल में विराट वैश्य महासम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इस महासम्मेलन में उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से वैश्य समाज के 3000 से अधिक लोग एकत्र होंगे। कार्यक्रम में समाज की एकता, जागरूकता, राजनीतिक भागीदारी, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला मुख्य अतिथि होंगे, जबकि बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल,
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, यूपी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। महासम्मेलन में वैश्य समाज के सामने आने वाली कई समस्याओं पर चर्चा होगी, जिनमें युवक-युवतियों के विवाह में देरी, पंचायतों के माध्यम से कोर्ट के बाहर विवाद निपटारा, व्यापारी टास्क फोर्स का गठन, और जरूरतमंद बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग या कम फीस की सुविधा शामिल हैं। इसके अलावा, विवाह से पहले वेडिंग शूट और तेरहवीं पर दिखावे पर रोक, तलाक के बाद गलत आरोपों से संपत्ति मांगने की प्रथा को समाप्त करने, और उपवर्गों में रोटी-बेटी के संबंध स्थापित करने जैसे मुद्दों पर सहमति बनाने पर विचार किया जाएगा। नोएडा में वैश्य महासम्मेलन 31 अगस्त को, ओम बिरला और सुनील बंसल हों सकते हैं शामिल, सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर होगी चर्चा वैश्य समाज के लिए व्यापक योजनाएं महासम्मेलन का उद्देश्य वैश्य समाज को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस दौरान समाज के सभी आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की योजना पर भी चर्चा होगी।
प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी मनीष गुप्ता ने बताया कि सांसद अतुल गर्ग, पूर्व सांसद अनिल अग्रवाल, विधायक अमित अग्रवाल, महापौर अलीगढ़ प्रशांत सिंघल जैसे कई प्रमुख नेता और समाज के प्रतिनिधि इस आयोजन में शामिल होंगे। सभी तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। संभल में हिंदू आबादी 45% से घटकर 15-20%, जांच समिति की रिपोर्ट सीएम योगी को सौंपी गई जातिगत सम्मेलनों का दौर उत्तर प्रदेश में हाल ही में जातिगत सम्मेलनों का सिलसिला तेज हुआ है। दिल्ली में ओबीसी नेताओं की बैठक और लखनऊ में क्षत्रिय विधायकों की ‘कुटुंब’ बैठक के बाद अब वैश्य महासम्मेलन चर्चा में है। दिल्ली में तालकटोरा स्टेडियम में हुई ओबीसी सभा में जाट, राजभर, निषाद और पटेल जैसे समुदायों ने एकजुटता का प्रदर्शन किया था। वहीं, लखनऊ में क्षत्रिय विधायकों ने ‘कुटुंब’ व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सत्ता और विपक्ष के नेताओं को जोड़ा। ये सम्मेलन प्रदेश में सामाजिक और राजनीतिक एकजुटता को दर्शाते हैं।