वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन ‘रूहMantic’ में बोले केंद्रीय मंत्री शेखावत “मध्य प्रदेश ने राजस्थान को भी पीछे छोड़ दिया है”

Neemuch headlines August 27, 2025, 2:49 pm Technology

भोपाल। मध्य प्रदेश में पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उज्जैन में आयोजित वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन ‘रूहMantic’ का मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर मध्य प्रदेश की तारीफ करते हुए कहा कभी राजस्थान के टूरिज्म सेक्टर में बेस्ट इनवेस्टमेंट पॉलिसी थी, लेकिन आज मध्य प्रदेश ने राजस्थान को भी पीछे छोड़ दिया है।

वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन यानि ग्लोबल स्पिरिचुअल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आज उज्जैन में आयोजन हुआ, कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विशेष रूप से शामिल हुए, अतिथियों ने अध्यात्म पर आधारित पुस्तिका Faith and Flow का विमोचन किया। MP ने तो राजस्थान को भी पीछे छोड़ दिया है केंद्रीय मंत्री शेखावत ने इस अवसर पर मध्य प्रदेश की तारीफ की , उन्होंने कहा आज पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटकों को सुविधाएँ देने के लिए अवसर बढ़ाने के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा है, हर राज्य एक दूसरे से बेहतर करने का प्रयास कर रहा है, पहले टूरिज्म सेक्टर में राजस्थान की इनवेस्टमेंट पॉलिसी को बेस्ट माना जाता था लेकिन अब मध्य प्रदेश ने राजस्थान को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का दिल कहा जाता है, यहां हर तरह के टूरिज्म की बहुत संभावनाएं है, यहाँ जंगल है पहाड़ हैं, नदी है , मंदिर है, जंगली जानवर है एडवेंचर टूरिज्म, वाटर टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म का स्कोप है मैं इसके लिए बधाई देता हूँ

,केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की तारीफ करते हुए कहा कि मुझे उन्होंने बताया कि स्टेट आर्कियोलोजी विभाग के कुछ एसेट्स को उन्होंने भविष्य में टूरिज्म के लिए खोलने की प्लानिंग की है ये अच्छी बात है। देशों की सीमाएं हो सकती हैं, लेकिन भारत की आध्यात्मिक सीमा असीमित है मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देशों की सीमाएं हो सकती हैं लेकिन हमारे भारत की आध्यात्मिक सीमा असीमित है, उन्होंने कहा कि हमारे मंदिर, देवालय आज केवल पूजा स्थल नहीं हैं, महाकाल लोक की ही बात करें तो 1 हजार बीघा में बना ये मंदिर अद्भुत है, भगवान तो केवल छोटे से गर्भ गृह में विराजमान हैं और ये सभ हमारे लिए उनकी कृपा है ये हमारी हजारों साल पुरानी संस्कृति है।

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