जावद। पूर्वमंत्री और जावद विधायक ओमप्रकाश सखलेचा ने मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान विधानसभा में एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। यह विधेयक फिलहाल इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहरों पर केंद्रित है, लेकिन श्री सखलेचा ने मांग की है कि इसका विस्तार राज्य के सीमावर्ती जिलों तक भी किया जाना चाहिए। सखलेचा का तर्क है कि राज्य के विकास को केवल दो या चार बड़े शहरों तक सीमित नहीं रखना चाहिए। उनका मानना है कि यदि सीमावर्ती जिलों में इस तरह का विनियोजन किया जाय तो इससे इन क्षेत्रों का तेजी से विकास हो सकेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा मिलेगा।
राजस्थान के उद्योगों को आकर्षित करने का अवसर : -
सखलेचा ने अपने सुझाव के समर्थन में राजस्थान का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि राजस्थान में बिजली की समस्या के चलते वहां के कई उद्योगपति मध्यप्रदेश आना चाहते हैं। उन्होंने मंत्री रहते खुद भीलवाड़ा का दौरा किया था, जिसके बाद वहां की 8 से 10 टेक्सटाइल मिल्स मध्यप्रदेश में आ गईं। उनका कहना है कि यदि सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, तो पड़ोसी राज्यों से और भी कई उद्योग मध्यप्रदेश में आ सकते हैं। इससे इन क्षेत्रों में विकास होगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
नीमच-मंदसौर को हब बनाने का सुझाव :-
विधायक सखलेचा ने विशेष रूप से नीमच और मंदसौर जिलों को मेट्रोपॉलिटन हब के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। उनका मानना है कि इन जिलों में अभी इंफ्रास्ट्रक्चर की उतनी अर्थव्यवस्था नहीं है, जितनी कि बड़े शहरों में हो चुकी है। इसलिए, यदि इन जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, तो विकास का अनुपात बेहतर होगा और सरकार को सफलता भी अधिक मिलेगी।
अंत में सखलेचा ने आग्रह किया कि सरकार इन सीमावर्ती जिलों में मेट्रोपॉलिटन योजना के बारे में गहन विचार करे और इस बारे में कोई निर्णय ले।
उनका मानना है कि ऐसा करने से मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति को नई दिशा मिलेगी और विकास का लाभ राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों तक भी पहुँच सकेगा। इसके जवाब में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सखलेचा का सुझाव अच्छा है हमने इस एंगल से अभी तक सोचा नहीं है, इस विषय पर विचार करेंगे।