भोपाल। जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने वाले खंडवा जिले ने प्रथम स्थान, रायसेन द्वितीय और बालाघाट ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा शुक्रवार को जिला व जनपद स्तरीय पुरस्कार की सूची जारी की है। जल गंगा संवर्धन अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों की रैंकिंग सूची में जल गंगा संवर्धन अभियान में खंडवा जिले ने 92.50 प्रतिशत, रायसेन जिले ने 92.35 प्रतिशत और बालाघाट जिले ने 87.56 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया है।
खेत-तालाब के निर्माण में श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले जल गंगा संवर्धन अभियान में खेत-तालाब के निर्माण में उत्कृष्ट कार्य वाले जिले को पुरस्कार देने के लिए ए तथा बी दो श्रेणियां बनाई गई थी। ए श्रेणी में 4 या उससे कम जनपदों को शामिल किया गया था, जबकि बी श्रेणी में 5 या उससे अधिक जनपदों को शामिल किया गया था। शुक्रवार को जारी सूची में ए श्रेणी जिसमें 4 या उससे कम जनपद हैं, उसमें अनूपपुर जिला व बी श्रेणी जिसमें 5 या इससे अधिक जनपद हैं, उसमें बालाघाट जिले ने अपना स्थान बनाया है। जल गंगा संवर्धन अभियान में खेत-तालाब के निर्माण में उत्कृष्ट कार्य वाली जनपद पंचायतों को विकासंखड स्तर पर पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। विकासखंड स्तरीय पुरस्कार के लिए भी ए और बी श्रेणी निर्धारित की गई थी। ए श्रेणी में 70 या उससे कम ग्राम पंचायतों वाली जनपद पंचायतों को शामिल किया गया था।
जबकि बी श्रेणी के लिए 71 या उससे अधिक ग्राम पंचायत वाली जनपदों को शामिल किया गया था। ए श्रेणी में 70 या उससे कम ग्राम पंचायतों वाली जनपद पंचायतों में बालाघाट जिले की बिरसा जनपद पंचायत ने अपना स्थान बनाया है। बी श्रेणी के लिए 71 या उससे अधिक ग्राम पंचायत वाली जनपद पंचायत में अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ की जनपद पंचायत ने अपनी जगह बनाई है। प्रदेश में 3 माह तक चला जल गंगा संवर्धन अभियान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में बारिश के पानी को सहेजने व पुरानी जल संरचनाओं को नया जीवन देने के लिए 30 मार्च से 30 जून तीन माह तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से गुड़ीपड़वा पर की थी। अभियान का समापन खंडवा में हुआ है। जल गंगा संवर्धन अभियान के तीन माह में प्रदेश में 84930 से अधिक खेत-तालाब, 1283 अमृत सरोवर और 104294 से अधिक रिचार्ज पिट और 1,283 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है या निर्माणाधीन है। इनसे 167000 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई संभव हो सकेगी।