‘ इटावा में एक कथावाचक के साथ हुई घटना ने जहाँ सामाजिक स्तर पर आक्रोश भर दिया है वहीं इस पर सियासत भी हो रही है, संत समाज की भी अलग अलग राय सामने आ रही है इस बीच बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भी बयान सामने आया है उन्होंने घटना की निंदा की है और कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है, न्याय व्यवस्था पर भरोसा करना चाहिए, उन्होंने नेताओं को भी ऐसे मामलों में सियासी रोटियां नहीं सेंकने की अपील की। 25 दिन की विदेश यात्रा से लौटे धीरेंद्र शास्त्री महाराष्ट्र के भिवंडी स्थित बागेश्वर बालाजी सनातन मठ पहुंच गए हैं वे यहाँ तीन दिन रुकेंगे फिर 1 जुलाई को बागेश्वर धाम पहुंच जायेंगे जहाँ 12 जुलाई तक रुकने के बाद आगे के कार्यक्रमों में व्यस्त हो जायेंगे, भिवंडी से एक वीडियो संदेश जारी करते हुए उन्होंने हाल ही में हुई इटावा की घटना पर बयान दिया है। संतों के नाम लेकर बताई सनातन की परंपरा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भगवान की चर्चा करने, कथा करने, सनातन का प्रचार करने का अधिकार किसी जाति विशेष का नहीं है इसे कोई भी सनातनी कर सकता है, उन्होंने वेदव्यास, बाल्मीकि, रैदास, कबीर, मीरा बाई के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सभी ने भगवान का गुणगान किया लेकिन इनसे किसी ने इनकी जाति नहीं पूछी इनकी वाणी ही इनकी पहचान बन गई। इटावा में कथावाचक का मुंडन किये जाने की घटना की निंदा करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा ये घटना बहुत निंदनीय है यदि कथा वाचक से कोई अपराध हुआ भी था तो पुलिस के पास जाते, हमारे पास न्याय व्यवस्था है उसमें विश्वास करना था, ऐसे किसी को न्यायाधीश बनने का अधिकार नहीं है, सजा देने का अधिकार नहीं है। सियासत करने वाले नेताओं को नसीहत उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया होता तो समाज में आक्रोश नहीं पनपता, कानून अपना काम करता और ऐसे मामलों में राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले नेताओं को मुंह तोड़ जवाब भी मिलता और वे इसपर राजनीति नहीं कर पाते, उन्होंने कहा ऐसे कैसे हम भारत को हिन्दू राष्ट्र बना पाएंगे। 7 नवम्बर से 16 नवम्बर तक दिल्ली से वृन्दावन तक की पदयात्रा की घोषणा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा यदि भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना है तो सबको जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की बात करनी होगी, उन्होंने कहा इसी उद्देश्य के साथ वे 7 नवम्बर से 16 नवम्बर तक दिल्ली से वृन्दावन तक की पदयात्रा पर निकलेंगे, गाँव गाँव गली गली जायेंगे और अपील करेंगे कि सभी हिन्दू जातिवाद, उंच नीच भेदभाव से ऊपर उठकर एक हो जाएं और भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए आगे आयें।