इंदौर। में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन इस बार राजवाड़ा जैसे ऐतिहासिक स्थल पर हुआ, जहां सुबह से ही योग की ऊर्जा महसूस की जा सकती थी। कार्यक्रम की शुरुआत लोकमाता अहिल्या देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक महेंद्र आइडिया, रमेश मेंदोला और प्रशासनिक अधिकारियों ने एकसाथ योगाभ्यास किया।
राजवाड़ा पर आयोजित इस कार्यक्रम में सुबह से ही लोगों का उत्साह देखने लायक था। जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ, पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशाखापट्टनम से योग सत्र के लाइव प्रसारण को सभी ने देखा। इसके बाद मंच पर उपस्थित सभी नेताओं और अधिकारियों ने अलग-अलग योगासन कर योग के महत्व का संदेश दिया। इंदौर के राजवाड़ा में दिखा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का अद्भुत नजारा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दिया यह संदेश मानसिक शांति का भी मजबूत आधार: मंत्री कैलाश विजयवर्गीय दरअसल मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंच से कहा कि योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम नहीं, बल्कि यह मानसिक शांति और सामाजिक सामंजस्य का भी मजबूत आधार है। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया आज भारत की योग परंपरा को अपना रही है, तो हम सभी का कर्तव्य है कि इसे और अधिक बढ़ावा दें। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई थी और अब यह कार्यक्रम एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने दिया ‘एक प्रकृति एक स्वास्थ्य’ का संदेश, कहा ‘योग से शांति आती है, वसुधैव कुटुम्बकम् के संकल्प को साकार करने का दिन’ केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया योग का वैश्विक प्रभाव वहीं कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि इस साल योग दिवस सिर्फ एक आयोजन नहीं बल्कि भारत की आध्यात्मिक ताकत और सांस्कृतिक पहचान का प्रदर्शन है। उन्होंने कहा, “आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के हर कोने में करोड़ों लोग एक साथ योग कर रहे हैं। विशाखापट्टनम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम के अलावा भारत के सभी हिस्सों में योग की लहर फैल चुकी है।” उन्होंने यह भी कहा कि अब 170 से ज्यादा देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं, जो भारत के ज्ञान और परंपरा की वैश्विक मान्यता का प्रमाण है।
योग सिर्फ आसनों का अभ्यास नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की एक विधि है।