भोपाल। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने निर्देश दिए हैं ।
विभागीय अधिकारी वर्षा से पूर्व सभी बांधों का निरीक्षण करें एवं वर्षा से पहले ही आवश्यकतानुसार सुधार कार्य कर लिए जाएं। सभी बांधो के गेट्स का मेंटीनेंस कर उन्हें क्रियाशील स्थिति में रखा जाए। जल संसाधन मंत्री सिलावट ने मंगलवार को मंत्रालय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख अभियंता विनोद कुमार देवड़ा आदि उपस्थित थे। क्षेत्रीय अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मिलित हुए। बैठक में आगामी मानसून पूर्व तैयारियों एवं विभाग द्वार संचालित जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम की समीक्षा की गई।
प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा द्वारा वर्षा ऋतु से पूर्व बांधों की सुरक्षा और संभावित आपदा स्थितियों से निपटने संबंधी विभागीय योजना एवं विभाग द्वारा किए गए जल संरक्षण कार्यक्रमों की जानकारी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से दी गई। जल संसाधन मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर 24 घंटे क्रियाशील किया जाए। निरीक्षण दल गठित कर नियमित मॉनीटरिंग हो और वर्षा काल के दौरान कोई भी अधिकारी बगैर सक्षम अधिकार की अनुमति के मुख्यालय न छोड़े। जल संसाधन मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए कि वर्षा काल में जब भी डैम से पानी छोड़ने की स्थिति बने जिले के सभी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं को अग्रिम सूचना दे दी जाए। जिन स्थानों पर पानी छोड़ा जा रहा है वहां जन सामान्य को पर्याप्त समय पूर्व पानी छोड़ने की सूचना अनिवार्य रूप से दी जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि विभागीय मैन्युअल के अनुसार वर्षा पूर्व निरीक्षण प्रतिवेदन विभागीय पोर्टल पर दर्ज किए जाएं और भारत सरकार द्वारा लागू डैम सेफ्टी एक्ट के अंतर्गत चिन्हित राज्यों के बांधों से संबंधित प्रतिवेदन भी समय पर भारत सरकार के पोर्टल पर दर्ज किए जाएं।
मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए कि विभाग द्वारा संचालित जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम को आगामी 14 दिनों में पूर्ण गति से क्रियान्वित किया जाए और कार्यक्रम की समाप्ति के 3 दिवस पश्चात विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। सिलावट ने निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और वर्षा पूर्व अधिकतम कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।