:किसानों के लिए खुशखबरी, खरीफ की फसलों की एमएसपी बढ़ी, किसान क्रेडिट कार्ड पर भी अपडेट

Neemuch headlines May 28, 2025, 4:25 pm Technology

देश के लाखों किसानों के लिए खुशखबरी है।केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। मोदी सरकार ने किसानों के लिए ब्याज सहायता योजना जारी रखने और एमएसपी में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी करने का फैसला लिया है। आज बुधवार को पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 2025-26 में विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी गई है ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।इसमें नाइजरसीड, रागी, कपास और तिल में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है इस बार MSP पर कुल 2.07 लाख करोड़ रुपये का खर्च आयेगा खरीफ फसलों के एमएसपी पर वृद्धि 2025-26 खरीफ विपणन सत्र के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 3% बढ़ाकर 2,369 रु प्रति क्विंटल कर दिया। आगामी फसल वर्ष 2025-26 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र के लिए सामान्य और ए ग्रेड धान की किस्मों का समर्थन मूल्य 69 रु प्रति क्विंटल बढ़ाकर क्रमश: 2,369 रु और 2,389 रु प्रति क्विंटल कर दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में MSP में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड (820 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए की गई है। रागी (596 रुपये प्रति क्विंटल), कपास (589 रुपये प्रति क्विंटल) और तिल (579 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए एमएसपी में वृद्धि की गई है। दालों में अरहर का समर्थन मूल्य 450 रुपये बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि उड़द का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 7,800 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग का एमएसपी 86 रुपये बढ़ाकर 8768 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड पर भी अपडेट संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना (MISS) को वित्त वर्ष 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत किसान किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से ₹3 लाख तक का लोन 7% की रियायती ब्याज दर पर प्राप्त कर सकते हैं। समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 3% का प्रोत्साहन भी मिलेगा, जिससे उनकी प्रभावी ब्याज दर केवल 4% रह जाएगी। इस निर्णय से देश के 7.75 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा। एमआईएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को किफायती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। देश में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं।

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