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नौतपा ने दुसरे ही दिन पारा 43 डिग्री सेल्सियस, रात भी गर्म, न्यूनतम तापमान 38 डिग्री तक पहुंचा, कूलर पंखों ने खोया धेर्य,

भगत मागरिया May 26, 2025, 4:32 pm Technology

चीताखेड़ा । साल के सबसे गर्म नौ दिन, जिन्हें नौतपा कहा जाता है। इस साल ये 25 मई रविवार से शुरू हो गया और 2 जून तक रहेंगे। नौतपा ने पहले ही दिन रविवार को पहले ही दिन को सूर्य की किरणों ने जमीन को चुल्हे पर तवे की तरह तपा दिया, हर आमजन को त्राहिमान -त्राहिमान करने पर मजबूर कर दिया। दुसरे दिन भी प्रातः ही सूर्य देव ने रौद्र रूप में निकले भीषण गर्मी से पंखे हिटर का रुप धारण कर चुके हैं, पंखे ठंडी हवा फेंकने के बजाए गर्म हवा फेंकने लगे हैं। इधर पवन देव ने भी सांस रोक ली जिससे हवाएं भी चलना बंद हो गई। सूर्य देव को दोपहर बाद बादलों ने ढंक लिया फिर भी सूर्य देव के तेवर कम नहीं पड़े। नौतपा के दुसरे दिन सोमवार को सुबह 9 बजे ही तेवर दिखाने शुरू कर दिए जिससे आवागमन पर प्रभाव दिखाई देने लगा था। इन दिनों अंचल में रिकॉर्ड तोड झुलसा देने वाली भीषण गर्मी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। युवा बुजुर्ग तो ठीक है ही, पर छोटे छोटे बच्चे गर्मी से बिलखते रहे। जिसके मुंह से सुनों एक बात बापरे आज क्या गर्मी ह नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ने से प्रचंड गर्मी पड़ती है, ऐसे में किसी भी स्थिति में बगैर कुछ खाए घर से न निकले। आसमान से सूर्य देव आग के गोले बरसा रहे हैं आसमान से बरस रही भीषण तपन से जमीन को चूल्हे पर गर्म तवे की तरह तपा रही है। पंखों ने अपना धैर्य खो दिया है पंखे भी हिटर की तरह गर्म हवा फेंकने लगे हैं तो वहीं कूलरों ने भी आत्म समर्पण कर दिया है। एक तरफ खाई दुसरी तरफ कुंआ जैसी हालत हो गई है आमजन की, भीषण गर्मी में घर से बाहर जाएं तो लू के थपेडों की मार से बचने हेतु घरों में रहे तो पंखों की हिटर की तरह गर्म हवा, जाएं तो कहां जाएं। लोगों को कोरोना वायरस के लोक डाउनलोड की यादों को ताजा कर दिया है। दुकानों पर कूलर पंखों की मांग बढ़ने लगी है तो कूलरों की शार्टज भी हो गई है, ग्राहंक दुकानों से बीना कूलर के ही बेरंग लोट रहे हैं। सोमवार को नौतपा के दुसरे दिन सीजन का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है आसमान से बरस रही आग के रूप में भीषण गर्मी से जमीन भट्टी पर तवे की तरह तप रही है। सूर्य के ताप और जमीन की भाप से आमजन का जिना मुश्किल हो गया है। सोमवार को अल सुबह से ही सूर्य देव आग बबूला हो गए थे जिससे सुबह 7 बजे ही आमजन पसीने से तरबतर दिखाई देने लगे थे। हर व्यक्ति के मुंह से एक ही बात बापरे आज क्या गर्मी है। दोपहर बाद आसमान में बादल छाए रहते हुए भी भीषण गर्मी के तेवर बरकरार रहे, बादल छाए रहने से कोई असर नहीं हुआ। इधर पवन देव ने भी अपनी सांसें रोक लेन से हवा भी चलना बंद हो गई। भीषण गर्मी का असर ज्यादा तर पौधों पर पड़ रहा है, पौधे के पत्ते लू के थपेडों से झुलस रहे हैं। वहीं पक्षी भी आसमान में विचरण करते दिखाई देना बंद हो गए हैं, अपनी जान बचाकर ठंडी नमी वाली जगह ठूंठते रहे हैं। वहीं सड़कों एवं बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।

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