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सूर्य तिलक से सुशोभित हुआ रामलला का मस्तक, जयकारों से गूंज उठा मंदिर परिसर।

Neemuch headlines April 6, 2025, 2:18 pm Technology

दोपहर ठीक 12:00 बजे अयोध्या में रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक किया गया। यह दूसरी बार है जब प्रभु राम का सूर्य तिलक हुआ है। प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रभु का सूर्य तिलक किया गया था, जिसके बाद आज यह दूसरा सूर्य तिलक हुआ है।

आज दोपहर अभिजीत मुहूर्त में रामलला के मस्तक पर 4 मिनट तक सूर्य की किरणें पड़ीं। इस दौरान अयोध्या का राम मंदिर प्रभु राम के जयकारों से गूंज उठा। हर ओर जय जयकार की ध्वनि सुनाई दी। फूलों से सजा मंदिर और भी रोशन हो गया। प्रभु का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया। उसके बाद आरती की गई। सूर्य तिलक के साथ ही प्रभु राम का जन्म हो गया। प्रभु ने बाल स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए। सूर्य तिलक के दौरान कुछ देर के लिए रामलला के पट बंद किए गए थे। गर्भगृह की भी लाइट बंद कर दी गई थी ताकि सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर साफ दिखाई दें। मस्तक पर सूर्य का तिलक सुशोभित हुआ रामलला के मस्तक पर सूर्य का तिलक सुशोभित हो रहा था। वैज्ञानिकों ने सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के पाइप से सिस्टम बनाया, जिसमें चार लेंस और चार मिरर के जरिए गर्भगृह तक रामलला के मस्तक पर किरणें पहुंचाई गईं। इस दिन का करोड़ों श्रद्धालु इंतजार कर रहे थे। आज प्रभु राम के जन्म पर 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके थे। दर्शन के लिए राम जन्मभूमि परिसर में भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है।

राम मंदिर के बाहर लगभग एक किलोमीटर से ज्यादा तक की लाइन लगी है। वहीं सुबह 9:30 बजे पहले रामलला को पंचामृत से स्नान कराकर श्रृंगार किया गया था। प्रभु राम पीले वस्त्रों में अत्यंत ही मनमोहक लग रहे थे। कैसे हुआ सूर्य तिलक? दरअसल, रामलला के सूर्य तिलक के इस मॉडल को आईआईटी रुड़की द्वारा तैयार किया गया है। इसे सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने खास ऑटो मैकेनिक सिस्टम के तहत तैयार किया है। जब भी मंदिर के सबसे ऊपरी तल पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरण पड़ेगी, तो यह दर्पण से 90 डिग्री तक परावर्तित होकर एक पीतल के पाइप में चली जाएगी। पीतल के इस पाइप के छोर पर एक और दर्पण लगा रहेगा। इस दर्पण से एक बार फिर सूर्य की किरणों को मोड़ा जाएगा। इस बार ये किरणें परावर्तित होने के बाद नीचे की ओर जाएंगी। किरणों के इस रास्ते में एक के बाद एक तीन लेंस जोड़े गए हैं। यही कारण है कि इनकी तीव्रता और बढ़ जाएगी।

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