मंदसौर के डॉक्टर कपिल शर्मा की घोर लापरवाही से नेहा फरक्या ने तोड़ा दम, परिजनों ने लगाया आरोप, की न्याय की मांग

निखिल सोनी March 16, 2025, 8:59 am Technology

मंदसौर । चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही की एक और दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां गर्भवती महिला नेहा फरक्या (डीकनिया) को डॉक्टर की लापरवाही के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। इस मामले में डॉक्टर कपिल शर्मा (गांधी चौराहा, मंदसौर) पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनकी गलत जांच और उपचार के कारण नेह्य की स्थिति बिगड़ती चली गई और अंततः में उसकी मौत हो गई।

पहले महीने से चल रहा था इलाज, फिर भी लापरवाही बरती गई :-

परिजनों के अनुसार, नेहा फरक्या का डॉक्टर कपिल शर्मा के पास पहले महीने से ही इलाज चल रहा था। जब गर्भावस्था के 7 महीने 26 दिन पूरे हो चुके थे, तो 9 जनवरी 2025 को डॉक्टर कपिल शर्मा ने जांच लिखी, जिसके लिए लाइफ केयर हॉस्पिटल, मंदसौर में रिपोर्ट करवाई गई। रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर ने इसे मात्र वायरल बुखार बताया और 5 दिन की दवा देकर घर भेज दिया। लेकिन 11 जनवरी 2025 को भी जब नेहा की तबीयत में सुधार नहीं हुआ और उसे लगातार दर्द होता रहा, तो परिजन उसे फिर से डॉक्टर के पास ले गए। इस पर डॉक्टर ने लापरवाही भरे अंदाज में कहा कि ये तो ऐसा ही टाइम है, दर्द तो होगा। जब परिजनों ने सोनोग्राफी कराने की बात कही, तो डॉक्टर ने उल्टा तंज कसते हुए कहा डॉक्टर तुम हो या में इसके बाद उन्होंने केवल दवा बदल दी और एक इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया।

बॉबे हॉस्पिटल में पहुंचते-पहुंचते बहुत देर हो चुकी थी :-

परिजनों ने तुरंत बॉम्बे हॉस्पिटल (इंदौर) के डॉक्टर आलोक मांदलिया से संपर्क किया और रिपोर्ट भेजी। वहां पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन किया, लेकिन बच्ची मृत निकली। इसके बाद नेहा को वेंटिलेटर पर रखा गया, जहां 15 दिन तक जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष करने के बाद उसने दम तोड़ दिया।

सरकार से न्याय की मांग, लापरवाह डॉक्टर पर हो सख्त कार्रवाई :-

परिजनों का साफ कहना है कि अगर समय रहते डॉक्टर ने सही जांच और इलाज किया होता, तो नेहा की जान बच सकती थी। उन्होंने सरकार से मांग की है कि डॉक्टर कपिल शर्मा की लापरवाही की पूरी जांच हो और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। यह घटना सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में फैली लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी का घिनौना उदाहरण है। यदि ऐसे डॉक्टरों पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो न जाने कितनी और जिंदगियां इसी तरह दांव पर लगती रहेंगी।

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