भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से हटाए जा रहे कचरे को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए त्वरित गति से ये निर्णय लिया। इस कचरे में साठ फीसदी से ज्यादा मिट्टी है, लगभग चालीस फीसदी सेवन नेपथॉल और अन्य केमिकल अवशिष्ट है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के मुताबिक सेवन नेपथोल का ज़हरीलापन लगभग 25 साल में खत्म हो जाता है घटना को 40 साल हो चुके हैं, इसलिए इसे लेकर किसी भी तरह की आशंका निर्मूल है। बता दें कि भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत ये वेस्ट 1 जनवरी को 12 कंटेनरों में पैक करके पीथमपुर भेजा गया है,
जहां इसे नष्ट किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा ‘यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर सारी आशंकाएं निर्मूल’ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस कचरे को लेकर जो भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हो, उनका कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि भोपाल में सालों से लोग इस कचरे के साथ ही रहते आए हैं और वैज्ञानिकों के मुताबिक पच्चीस साल में इन कैमिकल्स का विषैलापन खत्म हो जाता है। सीएम ने कहा कि ‘इस कचरे के निपटान को लेकर बहुत गहन वैज्ञानिक परीक्षण किए गए है। पूर्व में इस कचरे के समान वेस्ट को पीथमपुर में लाकर जलाकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में परीक्षण किया गया था। इसकी रिपोर्ट वैज्ञानिकों की उपस्थिति में सर्वोच्च न्यायालय में पेश की जा चुकी है। इसके बार पुन: इसका परीक्षण किया गया और वीडियोग्राफी भी कराई गई और फिर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की।’ उन्होंने कहा कि इन समस्य रिपोर्ट से सामने आया कि इस कचरे के निपटान से वातावरण में किसी प्रकार का नुकसान नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने सभी रिपोर्ट के गहन परीक्षण के बाद ही आगे बढ़ने और कचरे को नष्ट करने के लिए निर्देशित किया है। 12 कंटेनर 337 मेट्रिक टन जहरीला कचरा लेकर पीथमपुर के आशापुर गांव स्थित फैक्ट्री पहुंचे, भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया कांग्रेस को नसीहत ‘राजनीति न करें’ सीएम ने कहा कि कचरे को नष्ट करने को लेकर जल, थल, फसल, नभ और मनुष्य सभी पर ट्रायल रन के बाद ही फैसला लिया गया है।
सालों पुराने इस कचरे से निपटने के लिए समुचित योग्य परामर्श के बाद ही कदम उठाए जा रहे हैं। हमने कल भोपाल से कचरे को योग्य स्थान पर पहुंचाया है और हमें संतोष है कि जो निर्णय लिया गया, उसपर शांतिपूर्ण तरीके से अमल किया जा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न हो। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि ‘बीती ताहि बिसार दे’। साथ ही कहा कि उनके शासनकाल में ही ये फैक्ट्री चल रही थी और उसके बाद सालों तक उनकी सरकार रही, लेकिन उन्होंने इसे लेकर कुछ नहीं किया। ये उनकी दोमुंही राजनीति है। वो पीथमपुर में इसका विरोध कर रहे हैं और भोपाल में कुछ नहीं बोल रहे। सीएम ने बताया कि इस मामले पर धार के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय आज सभी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। बता दें कि इस कचरे को नष्ट करने के लिए पीथमपुर में विशेष भट्टी का उपयोग किया जाएगा, जिसमें 1200 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर इसे जलाया जाएगा।