चीताखेड़ा। इन दिनों कड़कड़ाती ठिठुरन भरी ठंड का दौर चल रहा है जिसकी परवाह किए बगैर जीरन तहसील मुख्यालय के गांव चीताखेड़ा की पावनधरा पुराना हायर सेकंडरी स्कूल परिसर में आयोजित सप्ताहिक श्रीमद् भागवत ज्ञानगंगा प्रवचन में कथा मर्मज्ञ पंडित चंद्र देव महाराज के मुखारविंद से झरता श्रीमद् भागवत ज्ञानगंगा भक्ति प्रवाह में भक्तों का प्रथम दिवस को ही श्रीमद् भागवत में अभिभूत होकर धर्म ज्ञानगंगा में डुबकियां सब अद्भुत प्रारंभ हो चुका है।
ग्रामीण श्रद्धालुओं का कथा के प्रति जज्बा इतना देखने को मिला है प्रथम दिवस को ही बड़ी संख्या में कथा पंडाल में ज्ञान वर्षा उनके मन के साथ तन को भी पवित्र कर रही है। माहौल इतना भक्ति में हो गया है कि पूरे गांव में सुनाई दे रहा है तो कृष्ण भजनों का स्वर और दिखाई दे रहे है तो झूमते श्रद्धालु। कथा मर्मज्ञ पंडित चंद्रदेव महाराज सोनीयाना के मुखारविंद से भक्तिमय वाणी से अमृत में कथा प्रवाहित दिवस 24 दिसंबर मंगलवार से गांव चीताखेड़ा के पुराना हायर सेकंडरी स्कूल परिसर में ग्राम वासियों के सहयोग से सप्ताहिक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवचन प्रवाहित किए जा रहे हैं।
श्रीमद् भागवत के महत्व को समझाते हुए श्री पंडित चंद्रदेव महाराज कभी भी भव्यता की ओर आकर्षित नहीं दिव्यता की ओर होना चाहिए। भव्यता में सिर्फ भीड़ ही दिखेगी ओर दिव्यता में ज्ञान प्राप्त होता है। सारे ग्रंथों का समावेश ही श्रीमद्भागवत हैं। नारा लगाकर घरों में घुसने वाले नहीं,कर्म करने वाले बनना है। संकट में धर्म नहीं,धर्म की आड़ में पाखंड करने वाले हैं। हमारा सनातन धर्म पर कभी संकट पैदा करने वाले युगों युगों तक पैदा नहीं हो सकते हैं। अभिमानी व्यक्ति को कभी भी परमात्मा की भक्ति प्राप्त नहीं हो सकती। अभिमान ही व्यक्ति के पतन का कारण है। कथा मर्मज्ञ पंडित चंद्र देव महाराज अपने मुखारविंद से पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का रसास्वादन करवाते हुए कहा कि प्रभु के नाम की महिमा का विशद वर्णन समस्त धर्म ग्रंथों, शास्त्रों, वेदों, उपनिषदों और पुराणों में है। कलयुग में भवसागर से पार होने के लिए नारायण का नाम ही नर के लिए एकमात्र नौका है। यह पावन नाम अत्यंत कल्याणकारी, पापनाशक , दुःख नाशक, सुखदायक, पुण्यदायक, आनंददायक और मोक्ष दायक हैं।
श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के प्रथम दिवस मंगलवार को प्रातः 09:00 बजे से बजरंग मंदिर से डीजे ढोल धमाकों के साथ भव्य कलश यात्रा प्रारंभ हुई जो गांव के मुख्य मार्गो से परिभ्रमण करती हुई कथा पंडाल पहुंची। जहां हरिश -हुकमीचंद सोनी द्वारा श्रीमद् भागवत पोथी शिरोधार्य कर चल रहे थे। कथा के प्रारंभ में हरिश -हुकमीचंद सोनी द्वारा मुख्य अजमानी के रूप में पोती पूजन कर आरती की गई। जिसके बाद कथा श्रवण का दौर प्रारंभ हुआ। प्रथम दिन ही कथा का श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में क्षेत्र एवं दूर-दराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कथा प्रवचन प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से शाम 3 बजे तक प्रवाहित की जाएगी।