नई दिल्ली । साल 1975 में भारत की सबसे बड़ी हिट 'शोले' फिल्म रिलीज हुई थी। इसमें फिल्म में एक डायलॉग था, जिसमें फिल्म का विलेन गब्बर सिंह कहता है- अरे ओ सांभा कितना इनाम रखे हैं सरकार हम पर? सांभा कहता है- पूरा 50 हजार सरकार। यह सुनकर गब्बर शान से कहता है इस पूरे वाकये के पीछे का मकसद दरअसल यह है कि जिस अपराधी पर जितना इनाम होगा, अपराध की दुनिया में उसका कद उतना ही बड़ा माना जाएगा और इनाम की राशि उसके लिए एक तरह से शान का प्रतीक होगी।
जितना बड़ा इनाम, उतना ज्यादा उसका खौफ। लेकिन इंदौर पुलिस ने अपराधियों की नाक को नीचे करने की एक बेहद अनोखी पहल की है। पुलिस ने हत्या, डकैती, लूट, बलात्कार और तमाम तरह के अपराधों को अंजाम देने वाले क्रिमिनल्स की इनाम राशि घटाकर उनकी औकात दिखाने का काम किया है।
इंदौर पुलिस ने ऐसे अपराधियों और गुंडों पर चवन्नी- अठन्नी इनाम रखकर उनकी औकात दिखाने का काम किया है और यह बताया है कि समाज में उनकी छवि हीरो की नहीं, बल्कि अपराधी की है और उनकी इज्जत चवन्नी अठन्नी से ज्यादा नहीं है। कुछ फरार गुंडों के लिए 1 रुपए की इनामी राशि रखी गई है। कुल मिलाकर पुलिस का मकसद बदमाशों की रंगदारी और रौब खत्म करना है।
बिट्टू गौड़ बना देश का पहला अठन्नी छाप बदमाश :-
जैसे ही यह व्यवस्था लागू की गई एक अपराधी सौरभ उर्फ बिट्टू गौड़ देश का पहला अठन्नी छाप बदमाश बन गया। उसके ऊपर 50 पैसे का इनाम रखा गया था। इंदौर पुलिस ने हाल ही में उसे गिरफ्तार किया। बिट्टू पर हत्या के गवाह को धमकाने और सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर रंगदारी मांगने का आरोप था। यह आरोपी अनिल दीक्षित हत्याकांड के मुख्य गवाह को धमकाने के मामले में पकड़ा गया है।
उसके खिलाफ कुल 11 अपराध न्यायालय में विचाराधीन है। पुलिस के गिरफ्त में आने से बचने के लिए उसने 15 फीट ऊंची छत से छलांग लगा दी, लेकिन गिरने से उसकी टांग टूट गई और इसके बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया। डीसीपी विनोद कुमार मीणा ने बताया कि यह नई व्यवस्था अपराधियों की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाई गई है। इससे अपराधियों के रुतबे को खत्म करने में मदद मिलेगी।
यहां तक कि ऐसे अपराधी सोशल मीडिया में भी हीरो बने हुए हैं। ऐसे गुंडों के लिए पुलिस 25 पैसे की इनाम राशि रखने की तैयारी की जा रही है।