भोपाल। मध्यप्रदेश में विजयपुर उपचुनाव में जीत के बाद अब कांग्रेस नए तेवर और अंदाज में नजर आ रही है। विजयपुर में जीत के बाद अब कांग्रेस ने बीना विधानसभा पर टिका दी है। कांग्रेस ने बीना विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता खत्म करने को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दाखिल की है।
दरअसल बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव में पाला बदलते हुए भाजपा में शामिल हो गई थी और वह लगातार भाजपा के मंचों पर शिरकत करने के साथ भोपाल में भाजपा मुख्यालय में अपनी हाजिरी लगा रही है। निर्मला सप्रे भले ही भाजपा के मंच से लेकर पार्टी दफ्तर में नजर आ रही हो लेकिन उन्होंने अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं कांग्रेस ने निर्मला सप्रे की सदस्यता खत्म करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पास याचिका लगा चुकी है, लेकिन अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाईकार्ट में याचिका लगाई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कांग्रेस ने निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका लगा चुका है।
लेकिन जब इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है तब पार्टी ने हाईकोर्ट का रूख किया है। वहीं नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा बताएं कि निर्मला सप्रे उनके साथ है या नहीं। वहीं अब जब 16 दिसंबर में विधानसभा की शीतकालीन सत्र होना है तब कांग्रेस निर्मला सप्रे को लेकर काफी अक्रामक नजर आ रही है।वहीं निर्मला सप्रे के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने के पीछे कई कारण है। निर्मला सप्रे बीना को जिला बनाने की मांग को लेकर भाजपा में शामिल हुई थी, वहीं पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नए जिलों को लेकर परिसीमन आयोग के गठन का एलान कर बीना को जिला बनाए जाने की मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। ऐसे में अब निर्मला सप्रे चुनाव का सामना करने से बचना चाह रही है।