बांग्लादेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। इस फैसले से एक ओर जहां बांग्लादेश सरकार को बड़ा झटका लगा है वहीं हिंदुओं को बड़ी राहत मिली है। बांग्लादेश सरकार के अटॉनी जनरल मुहम्मद असदुज्जमां ने बुधवार को कोर्ट में इस्कॉन को कट्टरपंथी धार्मिक संगठन बताया था। जब अदालत ने इस मामले में ब्योरा मांगा तो उन्होंने कहा कि सरकार मामले की जांच कर रही है। अदालत ने अटॉर्नी जनरल से गुरुवार को सरकार के कदमों के बारे में जानकारी देने का आदेश दिया था। इस बीच इस्कॉन के शिबचर स्थित केंद्र को मुस्लिमों ने जबरन बंद करा दिया है। यही नहीं इस्कॉन के श्रद्धालुओं को सेना के जवान अपने वाहन में भरकर 5:11 बांग्लादेश के चटगांव शहर में सहायक लोक अभियोजक सैफुल इस्लाम की हत्या और एक प्रमुख हिंदू नेता की गिरफ्तारी को लेकर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने के आरोप में कम से कम 30 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने कहा कि इस्लाम झड़प के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गये और अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि ढाका पुलिस ने चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार शाम हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। यहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। भारत ने बांग्लादेश में दास को गिरफ्तार किए जाने और उन्हें जमानत नहीं दिए जाने पर मंगलवार को गहरी चिंता जताई थी और और बांग्लादेशी प्राधिकारियों से हिंदुओं एवं सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी।