महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी महासचिव पर पैसे बांटने का आरोप, कमलनाथ ने कहा ‘लोकतंत्र शर्मिंदा और शर्मसार’

Neemuch headlines November 20, 2024, 11:33 am Technology

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है और इससे ठीक पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पर नकदी बांटने के आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मतदान से एक दिन पहले भाजपा महासचिव विनोद तांवड़े पर पैसे बांटने का आरोप लगा है। इसे लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधा है और कहा है कि ‘ पैसे बाँटने का कृत्य लोकतंत्र को शर्मिंदा और शर्मसार करता है।’ रिपोर्ट्स के अनुसार चुनाव प्रचार समाप्त हो जाने के बात बीजेपी महासचिव एक होटल में थे और उनके पास भारी मात्रा में नगदी पाई गई है। बहुजन विकास अखाड़ी के विधायक हितेंद्र ठाकुर और उनकी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने होटल में बीजेपी नेता को पकड़ा।

इस घटना को लेकर कमलनाथ ने एक बार फिर बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वो कभी कभी सौदेबाज़ी से सरकार गिराती है, कभी दलबदलुओं के भरोसे सरकार बनाती है, कभी रूपये के दम पर विपक्षी प्रत्याशी खरीदती है और कभी नोट बाँटकर मतदान को प्रभावित करती है..यही उसकी पहचान बन गई है। कमलनाथ ने बीजेपी पर साधा निशाना महाराष्ट्र की घटना को लेकर कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के ठीक पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव का पैसे बाँटने का कृत्य लोकतंत्र को शर्मिंदा और शर्मसार करता है। चुनावी आचार संहिता के अनुसार प्रचार समाप्त हो जाने के बाद बाहरी व्यक्तियों को मतदान क्षेत्र छोड़ने के प्रावधान हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद भी बीजेपी के महासचिव क्षेत्र में बने रहे और चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की।’ उन्होंने लिखा ‘बताया जा रहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के पास से बड़ी मात्रा में नक़दी के साथ साथ एक डायरी भी बरामद हुई है जिसमें करोड़ों रुपये बाँटने की जानकारी अंकित है।

मतदान के ठीक एक दिन पहले बीजेपी नेता करोड़ों रूपये बाँटकर मतदान प्रक्रिया को दूषित करने और लोभ-लालच से वोट ख़रीदने की फ़िराक़ में नज़र आ रहे हैं। क्या बीजेपी की नैतिकता मर गई है ? कभी सौदेबाज़ी से सरकार गिराना, कभी दलबदलुओं के भरोसे सरकार बनाना, कभी रूपये के दम पर विपक्षी प्रत्याशी खरीदना, कभी नोट बाँटकर मतदान प्रभावित करना अब बीजेपी की स्थाई पहचान बन चुकी है। केन्द्र एवं कई राज्यों में सत्तासीन दल का लोकतंत्र को कुचलने का यह प्रयास बेहद निंदनीय और शर्मनाक है। बीजेपी धीरे धीरे लोकतंत्र के लिए ख़तरा बनती जा रही है।’

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