भोपाल। आदिवासियों के अस्तित्व, जल , जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले महान आदिवासी योद्धा भगवान बिरसा मुंडा की आज 150वीं जयंती देश मना रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशेष दिन 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस नाम दिया है जिसका आयोजन उनकी मंशा के अनुसार पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है,
आज इसे लेकर मध्य प्रदेश में भी कई कार्यक्रम आयोजित किये गए, पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के दो आदिवासी संग्रहालयों का वर्चुअली लोकार्पण भी किया। भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश के शहडोल में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शामिल हुए, सीएम ने कहा ये हमारा सौभाग्य है कि भगवान बिरसा मुंडा ने 1857के स्वतंत्रता संग्राम से से पहले ही अंग्रेजों के षड्यंत्रों को समझ लिया था और हम सबके लिए जल, जंगल, जमीन का अधिकार सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष किया, उन्होंने संघर्ष के लिए आदिवासियों को खड़ा किया इतना ही नहीं उन्होंने इसाई मिशनरीज के धर्मान्तरण के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी, ऐसे महापुरुष के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। जनजातीय गौरव दिवस के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए कही ये बड़ी बात मुख्यमंत्री ने कहा भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष को देशवासी जानते तो थे लेकिन मानते नहीं थे 15 नवम्बर को आदिवासियों के गौरव को सच्चे अर्थों में बनाने का काम किसी ने किया है तो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है उनके कारण ही आज देश की जनता बिरसा मुंडा के संघर्ष उनकी तपस्या और देश के लिए दिए योगदान को जान पाया है। राज्यपाल ने सिकल सेल को लेकर दिया
सामाजिक सन्देश कार्यक्रम में शामिल राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सिकल सेल पर विशेष जोर दिया, उन्होंने कहा कि अब तक 82 लाख लोगों की जाँच सरकार ने कराई है और जो रह गए है उनकी भी जल्दी ही जाँच कराई जाएगी, उन्होंने एक सामाजिक सन्देश देते हुए कहा कि यदि आप शादी कर रहे हैं दो लड़का लड़की दोनों की जाँच करवा लें यदि सिकल सेल है तो बिलकुल शादी नहीं करें वर्ना बच्चा भी पीड़ित पैदा होगा, इसलिए हमें सिकल सेल के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है, उन्होंने अधिकारियों से भी कहा कि सिकल सेल पर बहुत ध्यान देने की जरुरत है। PM Modi ने किया दो संग्रहालयों का उद्घाटन इस विशेष कार्यक्रम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के दो जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालयों का वर्चुअली उद्घाटन किया, इनमें से एक है श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय, छिंदवाड़ा और दूसरा है राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय, जबलपुर, इन संग्रहालयों में आदिवासी समाज की जीवन शैली, उनके संघर्ष, उनकी लोक परंपरा से जुडी च्जों को प्रदर्शित किया गया है जिससे नई पीढ़ी इसे जान पाए।