नीमच। नीमच तैराकी को प्रमोट करने के मकसद से नीमच के सीनियर्स तैराक विशाल शर्मा , धीरेंद्र गहलोत ,डॉ मयंक राठौड़ एवं राकेश बंसल जो सालो से नीमच स्विमिंग की पहचान बने हुए है मगर पहली बार खेल को बढ़ावा देने के मकसद से प्रतियोगिता हेतु मैदान में उतरे है ।
चारो प्रमोटर खिलाड़ी नीमच का नया इतिहास रच रहे है ,यह प्रतियोगिता 25 वर्ष से अधिक वर्ग में खेली जायेगी जहां पहली बार होगा जब नीमच के 38 से 52 वर्ष की उम्र वर्ग के खिलाड़ी नेशनल लेवल की प्रतियोगिता का हिस्सा होंगे और दिखाएंगे नीमच का दम । 20 वी मास्टर्स नेशनल तैराकी प्रतियोगिता भोपाल में 10 से 12 नवम्बर के लिए भोपाल हेतु रवाना । एक कहावत है *"पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब" यह शब्द आपको तब कहे गए होंगे जब आप पढ़ाई नहीं कर रहे थे। हालाँकि, आज के परिदृश्य में यह धारणा प्रासंगिक नहीं रह गई है। आज कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में नवाब नही लाजवाब बनाने की जरूरत है , पहले के समय में लोग पढ़ाई को ही आगे बढ़ने और सफलता पाने का माध्यम मानते थे,खेलकूद में भविष्य बनाने को लेकर लोग अधिक इच्छुक नहीं थे।
आज समय के बदलने के साथ ये कहावत इसलिए चरितार्थ नहीं होती,क्योंकि आज सम्पूर्ण विश्व में खेलों के माध्यम से कई ऐसे नामचीन शख्स है,जो न सिर्फ अपना नाम शोहरत,और पैसा कमाए, बल्कि सम्पूर्ण विश्व में प्रतिष्ठा भी पाई।आज भारत समेत सम्पूर्ण विश्व में खेल भी आगे बढ़ने और बेहतर भविष्य बनाने का विकल्प है। कई खेलों में हम नजर भी नही आते , जैसे एडवेंचर गेम्स, साहसिक खेलो की लंबी श्रंखला है, तलवारबाजी, शूटिंग वगैरा। नीमच घरेलू खेलो में भी अपना प्रदर्शन नही कर पा रहा है, कुश्ती , खो-खो ,कबड्डी आज केवल ग्रामीण खेल नही रह गए यहा भी अनंत संभावनाएं है जहां कोशिश की जा सकती है ।
नीमच तैराकी में दिन ब दिन बेहतर कर रहा मगर बहुत कम खिलाड़ियो के साथ । खेल के प्रोत्साहन, प्रचार- प्रसार के मकसद से आप मास्टर्स तैराक नेशनल टीम का हिस्सा है ।