सिंगोली। अपने अल्प प्रवास पर सिंगोली पधारे इतिहासकार कैलाशचंद्र पाण्डे ने सिंगोली में पत्रकारों और इतिहास प्रेमियों के बीच इतिहास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बात की। पत्रकारो एवं इतिहास प्रेमियों ने मेवाड़ी परम्परा के अनुरूप पुष्प हारो से स्वागत कर मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर।
पाण्डे एवं उनके साथ पधारे जिनैन्र्द सुराणा, संजय शर्मा का स्वागत किया। पत्रकारों से परिचय प्राप्त करने के पश्चात पाण्डे ने अपने अंदाज में बात करते हुए जिज्ञासु इतिहास प्रेमियों के सवालो के जवाब दिए और क्षेत्रीय इतिहास से रूबरू कराते हुए कहा की इतिहास में प्रमाणिकता का विशेष महत्व हैं। बिना प्रमाण के कोई बात भी इतिहास में शामिल नहीं की जा सकती।
किंवदतियों में इतिहास छुपा हो सकता हैं, परन्तु वह पूर्ण इतिहास तभी कहलायेगा जब उसे प्रामाणिक किया जा सके। श्री पाण्डे ने इस दौरान सिंगोली, रतनगढ़, शिवाजी - ओरगजेब, सतीयों पर अपने विचार रखे। पाण्डे ने बताया की क्षेत्र 65 से अधिक गावों को उन्होंने सर्वें किया जहाँ से प्राप्त शिलालेखों के आधार पर कई पत्रिकाओं में उन्होंने शोध पत्र प्रकाशित किये हैं। सिंगोली के कदवासा में कभी शिक्षक रहे पाण्डे ने अपने बीते दिनों और साथियों को भी याद किया और भावविभोर होकर पत्रकार साथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। अपने लिखें ग्रंथो और शोध पत्रों के बारे में भी उन्होंने बताया की सिंगोली क्षेत्र की कई जानकारीया उन्होंने प्रकाशित की हैं। गोरतलब हो की श्री पाण्डे को इतिहास में योगदान देने के लिये कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरुस्कार भी मिल चुके हैं। उन्हें 2 बार राज्यपाल पुरस्कार और 1 बार राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चूका है| इस अवसर पर श्रमजीव पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष प्रदीप जैन, गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज जिला अध्यक्ष हरीश शर्मा, इतिहासकार डा. शुभम चतुर्वेदी विद्रोही, प्रेस क्लब तहसील अध्यक्ष सुनील नागौरी, प्रेस क्लब नगर अध्यक्ष महेंद्र सिंह राठौड़, पत्रकार मुकेश माहेश्वरी, निरंजन शर्मा, प्रोफेसर जावेद, कौशल व्यास, निखिल गोस्वामी, अंकित राजपूत, इतिहास प्रेमी महेश दशोरा, पंकज तिवारी, राहुल शर्मा आदि कई जन उपस्थित थे।