विनय और विवेक के बिना मनुष्य पशु के समान होता है-साध्वी सुचिता श्रीजी मसा, महावीर जिनालय में साध्वी सोम्यरेखा की निश्रा में उतराध्यन सुत्र वाचन प्रारम्भ

Neemuch headlines October 25, 2024, 5:59 pm Technology

नीमच।साध्वी सुचिता श्रीजी मसा की सुशिष्या साध्वी सुचिता श्रीजी मसा की निश्रा एवं जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट विकास नगर संघ के तत्वाधान में श्री महावीर जिनालय आराधना भवन नीमच पर सुबह 7 बजे धर्म आगम पर्व के उपलक्ष्य में उत्तराध्यन सूत्र वाचन पर विशेष धर्म सभा आयोजित हुई। साध्वी सुचिता श्री जी महाराज साहब ने उत्तराध्ययन सूत्र के 6 टेअध्याय के महत्व पर प्रकाश जलते हुए कहा कि महावीर स्वामी प्रभु ने गौतम स्वामी को 16 प्रहर 72 घंटे जो देशना दी उसका सार उत्तराध्ययन सूत्र में उल्लेख किया गया है।

55 पाप, 55 पुण्य, 36 अध्याय उत्तराधयन, एक मरु देवी माता का अध्ययन, 1700 गाथा है। 510 गाथाए बोली 1 विनय, अध्ययन में 48 गाथा का उल्लेख है। श्रावक व साधु विनय है। दूसरे अध्याय में परीषह साधु के 22 परिषह बताएं, 19 परीषह सहन करने के तीन परीषह छोड़ने जैसे एक समयकतत्व परिषह स्त्री परिषह, सम्यक तत्व परिषह सिंह गुफा वासी, मुनि का पतन कोशा वेश्या, स्थूलभद्र स्थूलभद्र से ईरष्या के चलते तीसरे अध्ययन में चतुरंगी अध्ययन 20 गाथा, जीवन में चार चीज दुर्लभ है

मनुष्य जीवन मानवता नदी जैसी है। मान समुद्र जैसा है। श्रुत ज्ञान को सुनने के भाव, परमात्मा के वचन पर श्रद्धा, संयम, चौथे अध्ययन में प्रमाद, अध्ययन एक क्षण का प्रमाद भी दुर्गति में ले जाता है। पांचवें अध्ययन में अकाम मरण 32 गाथा चार प्रकार के मरण बाल, पंडित, बाल पंडित, मरण छठे अध्ययन में निग्रंथ छुलक का उल्लेख है। उत्तराध्यन सूत्र में विनय विवेक महत्वपूर्ण होता है। महावीर स्वामी ने अपने जीवन की अंतिम देशना में सभी प्राणियों के कल्याण के लिए जिओ और जीने दो अहिंसा पाठ का संदेश दिया है। शिष्य का गुरु के प्रति विवेक होता है। शिष्य अनेक उपलब्धियां प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित करता है। यदि मनुष्य समाज में विनय के साथ रहे तो वहां भी उसे उपलब्धियां मिलती है। जहां भी जाएगा वह विनय विवेक के साथ रहेगा तो उसे सम्मान मिलेगा। विवेक और विनय के बिना मनुष्य हडकिये कुत्ते के समान होता है, वह कुत्ता जहां भी जाता है वहां उसे तिरस्कार मिलता है। हम सच्चे मन से धर्म गुरु की सेवा करते रहे तो धर्म रूचि अनुसार हमें भी महान मोक्ष मार्ग मिल सकता है।

तपस्वी साध्वी सौम्या रेखा श्री जी महाराज साहब के वर्धमान तप की 62 की ओली जी के पारना प्रसंग के उपलक्ष्य में त्रिदिवसीय महोत्सव की पावन श्रृंखला में 25 अक्टूबर शुक्रवार को दोपहर 2 बजे समूह सामायिक तथा रात्रि 8 बजे चोबीसी का आयोजन किया गया। साध्वी महाराज के पगलिए आज, इसके साथ ही - 26 अक्टूबर शनिवार को महावीर जिनालय से चतुर्विद संघ के साथ तपस्वी साध्वी वृन्द के पगलिए सुबह 7.30नवकारसी के बाद धर्म लाभार्थी परिवार पूनम चंद जी प्रेम प्रकाश जी राहुल जी ऋषभ जी पगारिया के आवास पर होंगे। इस वर्षावास में सागर समुदाय वर्तिनी सरल स्वभावी दीर्घ संयमी प.पू. शील रेखा श्री जी म.सा. की सुशिष्या प.पू. सौम्य रेखा श्री जी म सा, प.पू. सूचिता श्री जी म सा, प.पू.सत्वरेखा श्री जी म साआदि ठाणा 3 का चातुर्मासिक तपस्या उपवास जप व विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ प्रारंभ हो गया है। श्री संघ अध्यक्ष राकेश आंचलिया जैन, सचिव राजेंद्र बंबोरिया ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 7 बजे चातुर्मास में उतरायन सूत्र धार्मिक विषयों पर विशेष अमृत प्रवचन श्रृंखला का आयोजन हो रहा है। समस्त समाज जनअधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ लेवें एवं जिन शासन की शोभा बढ़ावे।

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