नीमच । उत्तराध्यन सुत्र में 36 अध्ययन 1700 गाथा का उल्लेख है। यह हमें दुश्मन को भी सद्बुद्धि के लिए परमात्मा से प्रार्थना करने और दुश्मन की गलतियां को क्षमा कर देने सच्ची प्रेरणा देता है हमारी निरंतर क्षमा और परमात्मा से प्रार्थना के कारण दुश्मन को परमात्मा सद्बुद्धि देगा और उसके मन में हमारे प्रति जो दुर्भावना है
वह समाप्त हो जाएगी। उत्तराध्यन सूत्र हमें दुश्मन के प्रति सकारात्मक सोच की शिक्षा देता है। यह बात साध्वी सोम्यरेखा श्री जी महाराज साहब की सुशिष्या साध्वी सुचिता श्रीजी मसा ने कही। वे जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट विकास नगर श्री संघ के तत्वाधान में श्री महावीर जिनालय आराधना भवन नीमच में धर्म आगम पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित धर्म सभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि संसार में गलती होने पर क्षमा मांगने वाले का सदैव कल्याण होता है। उसका दुर्भाव भी समाप्त हो जाता है। हमारे जीवन का कब अंत होगा किसी को ज्ञात नहीं है इसलिए हम सदैव पुण्य धर्म का कर्म करते रहे। जब एक पैसा भी हम बिना किसी अच्छे परिणाम के लिए खर्च नहीं हो इसकी चिंता करते हैं तो मनुष्य जीवन के लिए मिले अनमोल क्षण का एक क्षण व्यर्थ जा रहा है
फिर हम इसका चिंतन क्यों नहीं करते हैं। महावीर स्वामी ने हमेशा ही गौतम स्वामी को संदेश दिया कि जीवन का एक क्षण भी व्यर्थ नहीं करें नहीं तो हमारी आत्मा का कल्याण नहीं होगा। तभी हमारा हमारा पुण्य बढ़ सकेगा। गलती होने पर गुरु के सामने प्रायश्चित करेंगे तो आत्मा का पाप कर्म हल्का हो जाता है। हम सदैव पुण्य परमार्थ के कार्य करें पाप कर्म से सदैव बच्चे यदि हम पाप काम करेंगे तो पाप कर्म समय आने पर अपनी सजा अवश्य देता है। हम किसी भी प्राणी के बारे में बुरी भावना मन में नहीं रखें। हमसे कोई पाप कर्म हो जाए तो प्रायश्चित अवश्य करना चाहिए। पशु पराधीन होता है वह कुछ भी नहीं कर सकता है। लेकिन मनुष्य जीवन मिला है तो हम पाप कर्मों की निर्जरा के लिए पुण्य कर सकते हैं। सात इंद्रियों पर नियंत्रण होना चाहिए तभी आत्म कल्याण हो सकता है। इस वर्षावास में सागर सामुदायिक वक्ता सरल स्वभाव दीर्घ शीतोष्ण HH शील रेखा श्री जी म.सा. अच्छे शिष्य एचएच सौम्या के रेखा श्री जी मसा, प.पू. सूचिता श्री जी मसा, प.पू. सत्वरेखा श्री जी म साआदि ठाणा 3 का चार मास तक तप, व्रत, जप तथा विविध धर्म अनुष्ठानों के साथ प्रारंभ हो गया है। श्री संघ अध्यक्ष राकेश आंचलिया जैन, सचिव राजेंद्र बंबोरिया ने बताया कि प्रतिदिन 9 बजे चातुर्मास में धार्मिक विषयों पर विशेष अमृत प्रवचन श्रृंखला का आयोजन हो रहा है।
समस्त समाज जनअधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ लेवें एवं जिन शासन की शोभा बढ़ावे।