चीताखेड़ा नाट्य कला रामलीला मंडल के तत्वावधान में बजरंग मंदिर पर 10 दिवसीय रामलीला का मंचन आयोजित किया जा रहा है। इस मंचन के तीसरे दिन शुक्रवार को धार्मिक रंगमंच पर ताड़का वध, अहिल्या उद्धार, रावण और बाणासुर संवाद, धनुष खण्डन, सीता स्वयंवर प्रसंग बड़े ही बेहतरीन ढंग से प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा जीवंत नाट्य रूपांतरण किया गया। जिसे हजारों श्रद्धालुओं ने खूब सराहा। सीता स्वयंवर के एक दिन पूर्व रात को पहुंचा रावण धनुष को परखने, होशियारी में धुल पड़ गई, धनुष के नीचे फंस गया हाथ। धार्मिक मंच पर गूंजे राष्ट्रीय देश भक्ति गीत के तराने। सर्वप्रथम कार्यक्रम के प्रारंभ में जनपद पंचायत पूर्व सदस्य श्याम सिंह चंद्रावत की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह पंवार ने रामचरितमानस रामायण ग्रंथ पर द्वीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर आरती की गई।
रामलीला मंडल के पदाधिकारियों द्वारा आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया गया। ताडकवन में ऋषि मुनियों एवं साधु संतों की पाठ पूजा यज्ञ हवन में राक्षस (देत्यों), राक्षसी ताड़का सुबाहु द्वारा विघ्न उत्पन्न कर परेशान किया जा रहा था। जिनकी रक्षार्थ हेतु विश्वामित्र की आज्ञानुसार ऋषि मुनियों द्वारा किए जा रहे यज्ञ हवन पूजन की रक्षा करते हुए राक्षसी ताड़का, सुबाहु का वध किया गया। राजा जनक ने रचा स्वयंवर में विश्वामित्र भगवान श्री राम और लक्ष्मण को लेकर पहुंचे जहां भगवान श्री राम ने धनुष खण्डन कर जनक नंदनी माता सीता जी से नाता जोड़ा और वरमाला पहनाई। जनकपुर जाते हुए भगवान श्री राम ने अपने चरणों से देवी अहिल्या उद्धार भी किया।
रामलीला रंगमंच पर लंकाधिपति रावण और बाणासुर के बीच धनुष को लेकर जोरदार संवाद हुआ। जनकपुर में आयोजित सीता स्वयंवर के एक दिन पूर्व दरबार में रात को शिव धनुष को देखने पहुंचा रावण, धनुष को उठाने का किया प्रयास तो धनुष के नीचे दब गया हाथ। ब्रह्म, विष्णु और शिव को याद किया पर धनुष के नीचे दबा हाथ किसी ने नहीं निकाला। रावण ने कहा अगर विष्णु के अवतार श्री राम धरती पर अवतरित हो गए हो तो मेरा हाथ धनुष के नीचे से बाहर निकल जाए कहते ही रावण का हाथ निकल गया। प्रतिदिन रामलीला मंचन में मुख्य रूप से भगवान श्री राम (लक्ष्मण सिंह), श्री लक्ष्मण (दीपक पंवार), जनक नंदनी माता सीता (सविता बांसवाड़ा), लंकापति रावण (राकेश सोनी पेंटर गरोठ), बाणासुर (लोकेश शर्मा कैकडी), कोमेडियन (गणपत गुरु) सहित अन्य कई कलाकार एक से बढ़कर एक रामायण के पात्र का अभिनय कर रहे हैं।
कल रविवार को होगा रामलीला रंगमंच पर श्री राम वनवास चीताखेड़ा में 10 दिवसीय रामलीला मंचन के कल चौथे दिन रविवार को बजरंग मंदिर पर आयोजित रामलीला रंगमंच पर दिखाया जाएगा भगवान श्री राम का वन गमन, केवट मल्लाह संवाद, अयोध्या राजा दशरथ मरण, सुमंत विलाप प्रसंग पर नाट्य रूपांतरण किया जाएगा। प्रतिदिन रामलीला के मंचन को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। रामलीला मंडल के पदाधिकारियों ने क्षेत्र की धर्मप्रेमी जनता से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर धर्म लाभ लें।