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चैनपुरा में हवन पूजन के बाद भव्य विसर्जन चल समारोह निकला, दिखे हैरतअंगेज करतब

दशरथ माली October 12, 2024, 10:32 am Technology

चीताखेड़ा। शुक्रवार को गांव चैनपुरा में धर्म ग्रन्थों पर आधारित पुरानी परम्परागतानुसार धार्मिक रिति के अनुसार मनाया गया दशहरा पर्व ।नौ दिनों तक शक्ति की आराधना के बाद दशहरे पर गांव के मां दुर्गा और अम्बेमाता मंदिर सहित सभी देवी मंदिरों पर पूर्णाहुति हवन पूजन हुए, साथ ही गांव के विभिन्न मंदिरों से वाड़ी उठाई गई।

जिनका चल समारोह गांव के सभी प्रमुख मार्गों से परिभ्रमण करता हुआ मुख्य चौराहे पर पहुंचा। इसी के साथ जवारे विसर्जन के साथ ही नवरात्र का पर्व समापन हुआ। नवरात्र के पहले दिन गांव के सभी पुराने धार्मिक देवी स्थलों पर परंपरानुसार जवारे बोए जाते हैं जिनका अंतिम दिन शुक्रवार को विसर्जन किया गया है। मंदिरों के भोपाओं (पुजारी) की उपस्थिति में निकालें चल समारोह में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर धर्म लाभ लिया। शारदेय नवरात्र के पावन पर्व पर देव -देवी स्थलों पर 9 दिनो तक पुजा अर्चना की गई एवं वाडी(जवारे) बोई गई,उन्हीं स्थलों से अष्ठमी -नवमी को ढोल ढमाकों के साथ नवडता उठाई गई।इस मौके पर (भोपाओं) पुजारीयों द्वारा भाव भी आए।ग्रामीणों ने भभूत (विभूति) और शुभ कार्य के लिए आका भी लिए ।

गांव में स्थित सभी स्थानों से पुजारीयों को ढोल ढमाकों के साथ मुख्य चौराहे पर पहुंचे जहां पर देवासुर संग्राम की लडाई पर आधारित महिसासुर(-हाथिका डाडमा) , हटिया,डाकन (चुड़ैल), भोरिया भूत जैसे कई युवाओं ने राक्षस (देत्यों) का स्वांग रचा एक तरफ देत्यों का झुंड वहीं दूसरी ओर देवी देवताओं के रूप में मंदिरों के पुजारी दोनों के बीच में रस्सी बंधी हुई रहती है दोनों के बीच युद्ध का मंचन किया गया।जिसे देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण प्रत्यक्षदर्शी साक्षी बनें हैं।पश्चात जवारे वाडी सरवरे पहुंच कर विसर्जित किया गया।

इसी के साथ शारदेय नवरात्र के नौ दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ।

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