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शहर के तीन स्थानों पर होगा दहन, सालों से नीमच सिटी का मुस्लिम परिवार बना रहा है पुतले, 51 फीट के रावण की आंखें टिमटिमाएगी, 41-41 फीट के कुंभकरण मेघनाथ रहेंगे, 13 को बघाना में होगा दहन,

Neemuch headlines October 11, 2024, 2:59 pm Technology

नीमच। शहर में नवरात्रि की धूम के साथ दशहरा महोत्सव के लिए रावण पुतला का निर्माण किया जा रहा है। यह छावनी बघाना नीमच सिटी में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। मुख्य आयोजन छावनी स्थित दशहरा मैदान में 12 अक्टूबर को होगा। जहां रावण के साथ कुंभकरण में मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा। रावण का पुतला 51 फीट का रहेगा और आंखें टिमटिमाने के साथ हाथ पैर हिलाएगा। बघाना में दशहरा के दूसरे दिन नीमच सिटी में पूर्णिमा पूर्णि पर रावण दहन होता है। तीनों स्थानों पर स्वांगधारी भी शामिल होंगे। जिन्हें समिति द्वारा पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में विधायक दिलीप सिंह परिहार, नगर पालिका अध्यक्ष स्वाती गौरव चोपड़ा, भाजपा जिला अध्यक्ष पवन पाटीदार, समाजसेवी जगदीश कंस्ट्रक्शन के निदेशक अमित सिंघानिया, समाजसेवी नीरज अरोरा गंगानगर वाला, जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जन सिंह चौहान, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया, समाजसेवी अशोक बागड़ी, अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे।

दशहरा मैदान के पास भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई सभागार टाउन हॉल के पिछले हिस्से में इन दोनों रावण के पुतलों का निर्माण कार्य किया जा रहा है खास बात यह है कि सालों से नीमच सिटी माधवगंज मोहल्ले में रहने वाला मुस्लिम परिवार ही पुतले तैयार करता आया है। बीच में केवल कोरोना का संक्रमण काल के दौरान 2020 में 2021 में बाहरी कलाकारों से पुतले बनवाए थे।, 2022 से अब यही परिवार पुतले तैयार कर रहा है। नीमच सिटी माधवगंज मोहल्ले के मजहर हुसैन व राजा भाई ने बताया कि पांच पुस्तो से हमारा परिवार रावण के पुतले बना रहा है हमने तो पुतले बनाना पिता व दादा से सीखा था और नीमच सहित आसपास के शहरों के लिए भी पुतलों का निर्माण करते हैं। यहां भी दादा के जमाने से ही पुतले बनाते आ रहे हैं। वर्तमान में हम सात भाइयों के परिवार मिलकर रावण के पुतले बनाते हैं, 20-22 दिन से तैयारी कर रहे हैं वैसे यहां आने के पहले घर पर ही छोटी-छोटी तैयारी करते हैं यहां हम नीमच के तीनों स्थानों के साथ जावेद पिपलिया मंडी और अन्य जगहों के पुतले भी बना रहे हैं साथ ही छोटे छोटे पुतले भी तैयार किया जा रहे हैं जो लोग मोहल्ले व गांवों में दहन के लिए ले जाते हैं।

रावण दहन के पहले महाकाली व भैरव की सवारी आती है, शहर में सबसे पुराना दशहरा उत्सव नीमच सिटी में रियासत काल से मनाया जा रहा है किंतु तीनों स्थानों पर कुछ समानता है इन जगह रावण के पहले महाकाली व भैरव की सवारी आती है और स्वांग धारी भी शामिल होकर कला का प्रदर्शन करते हैं। बच्चो से लेकर उम्र दराज तक विभिन्न प्रकार के स्वांग धरकर शामिल होते हैं। इन्हें पुरस्कार दिया जाता है। महाकाली जलती हुई आग का खप्पर हाथ में लेकर भैरव के साथ मैदान में चारों ओर तरफ चक्कर लगाती है। इसके बाद रावण दहन किया जाता है। श्रीलंका में आतिशबाजी ज्यादा होगी - दशहरा उत्सव समिति अध्यक्ष हेमंत सिंहल, अमरीश शर्मा काकु ने बताया कि दशहरा मैदान पर शहर का मुख्य उत्सव आयोजन होता है रावण सहित तीनों पुतलों के निर्माण पर करीब डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च आता है। इस बार आतिशबाजी श्री लंका पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा होगी वहीं स्वांग धारियों के लिए इस बार विशेष पुरस्कार का इंतजाम किया जा रहा है 12 अक्टूबर शाम 7:30 बजे से रावण दहन का उत्सव प्रारंभ कर देंगे।

बग्घी के रथ में श्री राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान और रावण की शोभायात्रा भी नगर के प्रमुख मार्गो से निकाली जाएगी। यह रहेंगे 51 पुरस्कार, स्वांग धारियों को 51 पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। जिसमें घनश्याम गोयल वृंदावन की पावन स्मृति में प्रथम पुरस्कार एलइडी टीवी, द्वितीय पुरस्कार माइक्रो ओवन, तृतीय पुरस्कार इंडक्शन कुकर टॉप, चतुर्थ पुरस्कार जूसर मिक्सर, पंचम पुरस्कार होम थिएटर षस्टम, पुरस्कार सैंडविच मैकर, सप् प्तम पुरस्कार वॉल फैन, अष्टम पुरस्कार इलेक्ट्रिक कैटली, दशम पुरस्कार पोलर लेटरन, एकादश पुरस्कार इलेक्ट्रिक रोड, एवं 40 विशेष प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।

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