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बजरंग व्यायाम शाला में ब्रह्मा कुमारी संस्थान ने लगाई 9 चैतन्य देवियों की झांकी, दर्शन को उमड़ा भक्तो का जनसैलाब

महेंद्र सिंह राठौड़ October 5, 2024, 7:41 am Technology

सिंगोली। नवरात्रि के पावन अवसर पर ब्रह्मा कुमारी संस्थान द्वारा बजरंग व्यायाम शाला परिसर में 9 चैतन्य देवियों की झांकी बनाई गई नगर में पहली बार हुए इस आयोजन में अनेकानेक लोगों ने चैतन्य देवियों के दर्शन लाभ लिया। कार्यक्रम में केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अंकिता दीदी ने सभी को नवरात्री का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि नवरात्री का पावन उत्सव हमें हिंसक वृतियों पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने नौ देवियों का रहस्य बताते हुए कहा कि – देवियों के हाथ में माला परमात्मा शिव की याद का प्रतीक है।

हाथ में बाण अर्थात – ज्ञान रूपी बाण मुख द्वारा चलाकर विकारों का संहार किया। ऐसे ही कमल का फूल, त्रिशूल, सुदर्शन चक्र, तलवार,शंख, गदा आदि इन सबका भी आध्यात्मिक रहस्य है । साथ ही उन्होंने कहा कि देवियों को अष्ट ये भुजाधारी दिखाते है तो ये विशेष आठ शक्तियों का प्रतीक है। जिसमें – सामना करने की शक्ति, निर्णय करने की शक्ति, सहन करने की शक्ति, सहयोग की शक्ति, समेटने की शक्ति, परखने की शक्ति, समाने की शक्ति और विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति शामिल है। 1. नवरात्रि के पहले दिन माँ ‘शैलपुत्री’ की पूजा होती है। उनकी बैल पर सबारी दिखाते है । 2. नवरात्रि का दूसरा दिन देवी ‘ब्रह्मचारिणी’ का है, जिसका अर्थ है- तप का आचरण करने वाली। तप का आधार पवित्रता है। 3. नवरात्रि के तीसरे दिन देवी ‘चंद्रघण्टा’ के रूप में पूजा की जाती है। मान्यता है कि असुरों के प्रभाव से देवता काफी दीन-हीन तथा दुःखी हो गए, तब देवी की आराधना करने लगे। फलस्वरूप देवी चंद्रघण्टा प्रकट होकर असुरों का संहार करके देवताओं को संकट से मुक्त किया। देवी के मस्तक पर घण्टे के आकार का अर्द्धचंद्र, हाथों में खड्ग, शस्त्र, बाण इत्यादि धारण किए दिखाये जाते हैं। 4. नवरात्रि के चौथे दिन देवी ‘कुष्माण्डा’ के रूप में पूजा की जाती है। देवी को सृष्टि की ‘आदि स्वरुपा’ और ‘आदि शक्ति’ माना जाता है, जो ब्रह्माण्ड में चारों ओर फैले अंधकार को नष्ट कर ब्रह्माण्ड का ज्ञान प्रदान करती है। हमें उनसे शक्ति लेकर हमारे अन्दर जो भी विकारी स्वभाव और संस्कार है उस पर विकराल रूप धारण करके अर्थात् दृढ प्रतिज्ञा करके मुक्ति पाना है। 5. नवरात्रि के पाँचवें दिन देवी ‘स्कन्द माता’ के रूप में पूजा की जाती है। कहते हैं- यह ज्ञान देने वाली देवी है। इनकी पूजा करने से ही मनुष्य ज्ञानी बनता है। यह भी बताया गया है कि स्कन्दमाता की पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

असम्भव कार्य भी स्वतः सिद्ध हो जाते हैं। 6. नवरात्रि के छठवें दिन देवी ‘कात्यायनी’ के रूप में पूजा की जाती है। एक मत यह भी है कि यह देवी, महर्षि कात्यायन की पुत्री थी जिसने आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्ल सप्तमी, अष्टमी व नवमी, तीन दिनों तक महर्षि कात्यायन की पूजा स्वीकार की और फिर दशमी को महिषासुर का वध किया। इनका वाहन ‘सिंह’ दिखाया जाता है। इनके चार हाथों में बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प दिखाते हैं जो कि क्रमशः शक्ति व पवित्रता के प्रतीक है। 7. नवरात्रि के सातवें दिन देवी ‘कालरात्रि’ के रूप में पूजा की जाती है। इनके शरीर का रंग काला और सिर के बाल रौद्र रूप में बिखरे हुए दिखाए जाते हैं। इनका वाहन गधे को दिखाया गया है। कलियुग में एक सामान्य गृहस्थ की हालत प्रतिकूल परिस्थितियों में खराब हो जाती है। जब अपने मन-बुद्धि में कालरात्रि जैसी देवी को बैठा लेता है तो देवी उस गृहस्थ को परिस्थितियों से पार निकाल ले जाती है। 8. नवरात्रि के आठवें दिन देवी ‘महागौरी’ के रूप में पूजा की जाती है। महागौरी अपने भक्तो की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। 9. नवरात्रि के नौवें दिन देवी ‘सिद्धिदात्री’ के रूप में पूजा की जाती है। कहा गया है कि यह सिद्धिदायी वह शक्ति है, जो विश्व का कल्याण करती है। इन शक्तियों की आराधना द्वारा हम अपने अंदर की विकृतियां व बुराइयों को समाप्त कर सकते हैं वर्तमान पुरुषोत्तम कल्याणकारी संगमयुग पर परमपिता शिव परमात्मा जो सर्व के कल्याणकारी है सर्वे के रचयिता है वह अभी सर्वात्माओं को शक्ति दे रहे हैं जिससे बुराइयों पर विजय और उनकी शक्ति से हमारे अंदर जो दिव्यता छुपी वह जागृत हो जाती है। दीदी जी ने बताया कि नवरात्रि में जो व्रत करते हैं तो व्रत का मतलब है कि हम अपने अंदर की बुराइयों और कमी कमजोरियों को समाप्त करने का व्रत लेना ।

और किसी के लिए भी बुरा नहीं सोचना सबके कल्याण का भाव लेकर चलना सबका भला करना सबको सुख देना, सहयोग देना। इस अवसर पर थाना प्रभारी बी.एल. भाबर, समाजसेवी प्रकाश नागोरी, लादुलाल पालीवाल, सुनीता मेहता, पप्पु तिवारी गौतम ने मातारानी को दीप प्रज्ज्वलित कर पुजा अर्चना की कार्यक्रम में उपस्थित बजरंग व्यायाम शाला संचालक औकार लाल शर्मा, शौकिन मेहता, अमृत लबाना, बाबुलाल शर्मा, राजकुमार मेहता ने भी सभी को नवरात्रि की सभी को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में चैतन्य देवी दर्शन झांकी को देखने माताओ, बहनो सहित नगरवासी भक्तो का सैलाब उमड़ पड़ा।

कार्यक्रम मंच का संचालन अंकिता दीदी ने किया।

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