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माँ, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं - डॉ. संजय जोशी, ज्ञानमंदिर विधि महाविद्यालय में मनाया गया हिंदी दिवस।

Neemuch headlines September 15, 2024, 8:55 am Technology

नीमच । माँ, मातृभूमि व मातृभाषा का हमारे जीवन में अतुलनीय महत्व है क्योंकि इन तीनों का ही कोई विकल्प नहीं होता है। हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चाहते थे कि स्वतंत्रता के पश्चात देश का संचालन हमारे अपने तंत्र के द्वारा किया जाए और स्वतंत्र भारत में मातृभाषा हिंदी में ही लोगों को ज्ञान मिले और मातृभाषा के माध्यम से ही देश संचालित हो। हिंदी भाषा लोगों को एक दूसरे से जोड़ती है और इस प्रकार देश और अधिक सशक्त बन सकता है। भारत की संस्कृति और भाषा देश की समृद्धता का मुख्य कारण रही है और लॉर्ड मैकाले ने अंग्रेजी शिक्षा पद्धति लागू करके हमारी भाषा और संस्कृति पर आघात किया था, हमें उसके दुष्परिणामों से हमारी मातृभाषा हिंदी एवं स्थानीय भाषाओं का प्रयोग ही बचा सकता है।

उक्त विचार स्वामी विवेकानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नीमच के समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष, मुख्य अतिथि डॉ. संजय जोशी ने ज्ञानमंदिर विधि महाविद्यालय के पं. शिवनारायण गौड़ सभागृह में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, भारतीय भाषा अभियान एवं ज्ञानमंदिर विधि महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा पखवाड़ा एवं हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित विमर्श में व्यक्त किए कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था सचिव राजेश मानव, मुख्य अतिथि डॉ. संजय जोशी एवं प्राचार्य डॉ. विवेक नागर ने दीप प्रज्वलन तथा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए प्राचार्य डॉ. विवेक नागर ने कहा कि भाषा कभी भी न्याय में बाधा नहीं बननी चाहिए और भारतीय भाषा अभियान का यह उद्देश्य है कि जनता को जनता की भाषा में न्याय मिले और जब जनता को जनता की भाषा में न्याय मिलेगा तो वह सच्चा न्याय होगा। भाषा विचारों के संचार का एक माध्यम होती है और हमारी मातृभाषा हिंदी अभिव्यक्ति का बहुत ही सशक्त माध्यम है, हमारी मातृभाषा संस्कृति और सभ्यता की संवाहक भी है ।

यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का 13 भारतीय भाषाओं में अनुवाद उपलब्ध किए जाने का निर्देश दिया है। इस अवसर पर आयोजित विमर्श में विद्यार्थियों ने बहुत ही प्रभावी ढंग से मातृभाषा हिंदी के महत्व को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री राजेश मानव ने कहा कि उनकी हिंदी भाषा को समृद्ध करने में पंडित शिवनारायण जी गौड़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, आज के कार्यक्रम में डॉ. जोशी एवं विद्यार्थियों ने हिंदी दिवस के इस अवसर पर मातृभाषा हिंदी के प्रति जो सम्मान व्यक्त किया है उसे यह स्पष्ट है कि हिंदी हमेशा भारत देश में एक समृद्ध भाषा के HEG रूप में अपना स्थान बनाए रखेगी और न्याय की भाषा के रूप में निश्चित ही और अधिक स्थापित होगी। इस अवसर पर आयोजित विमर्श में विशाखा बाथम, वर्षा ठाकुर, शानू, विकास बैरागी को उनकी प्रभावी प्रस्तुतियों के लिए पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वर्षा काछवाल ने किया,

इस अवसर पर शोएब खान, कृतिका द्विवेदी, श्रीमती नमिता पाराशर, प्रवीण पाटीदार, घनश्याम भटनागर, संजय, अर्जुन, एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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