नीमच। दिनांक 13 सितम्बर को नीमच नगरपालिका का महत्वपूर्ण सम्मेलन होने वाला है । कोई इसे नीमच के विकास नई गाथा लिखने जैसा बता रहा है तो नगर पालिका परिषद के ही कुछ पार्षद नगर पालिका अध्यक्ष पर भूमि घोटाले की तैयारी का आरोप लगा रहे हैं । जहां एक और कुछ मीडिया संस्थान यह संदेश देते नजर आ रहे हैं कि नीमच शहर के लिए नीमच नगर पालिका द्वारा नई कॉलोनी विकसित की जा रही है ।
वहीं सत्ताधारी एवं विपक्ष के कई पार्षद और नेता यह आरोप लगाते नजर आ रहे हैं कि नीमच नगर पालिका अध्यक्ष एवं उनके चहेते पार्षदों एवं भू माफिया सिंडिकेट के मध्य एक गुप्त समझौता हुआ है और उस समझौते के तहत नीमच नगर पालिका की बेशकीमती जमीने नीमच नगर पालिका भूमाफियाओं को सौंपने जा रही है । ऐसे में नीमच नगर पालिका अध्यक्ष की साख तो दाव पर है ही वहीं भारतीय जनता पार्टी जो ईमानदारी का दम भरती है उस पार्टी की साख भी दाव पर हैं । पहले भी नीमच नगरपालिका में कई भूमि घोटाले हो चुके हैं वहीं दूसरी और नीमच नगरपालिका क्षेत्र में लंबे समय से कोई शासकीय कालोनी आम जनता के लिए नहीं काटी गई है ।
ऐसे में यदि नीमच नगरपालिका अध्यक्ष ईमानदारी से काम करने का दम भर रही हैं और जनहित में नीमच नगरपालिका का सम्मेलन लाने की तैयारी की जा रही है तो नगरपालिका अध्यक्ष को होने वाली बैठक का एजेंडा सार्वजनिक करना चाहिए । यह बात प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूर्व पार्षद एवम एडवोकेट अमित शर्मा द्वारा कही गई । उनके द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह कहा गया कि वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष एवं पार्षदों का कार्यकाल नीमच शहर की जनता के लिए कोई खास उपलब्धि भरा नहीं रहा है । पूर्व में भी करोड़ों रुपए की विश कीमती जमीनों को औने पौने दामों पर खुर्द बुर्द करने का प्रयास किया गया है । ऐसे में नीमच शहर की जनता की नजर 13 सितंबर को होने वाली नीमच नगर पालिका परिषद की बैठक पर रहेगी नीमच शहर की जनता वर्षों से एक शासकीय आवासीय कॉलोनी का इंतजार कर रही है परंतु नीमच शहर के जन्म प्रतिनिधि वोट मांगने आते हैं तब तो जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाते हैं परंतु कुर्सी पर बैठने के बाद वह अपने ही किए वादे भूल अपनी एवं अपने चमचों की जेबें भरने के कार्यक्रम में लग जाते हैं ।
अब देखने योग्य बात यह है कि क्या वर्तमान नीमच नगर पालिका अध्यक्ष नीमच शहर की जनता की उम्मीद पर खरी उतरती है या फिर वह भी भूमाफिया सिंडिकेट के साथ मिलकर नीमच नगर पालिका की बेस कीमती जमीनों को औने पौने दामों पर सौंप देती हैं ।