हें गणपती दादा, आप ने तो सर्जन किया था तो हम विसर्जन क्यों कर रहे है ? हार्दिक हुंडिया

विनोद पोरवाल September 10, 2024, 3:11 pm Technology

कुकडेश्वर । श्री गणेश उत्सव पर आमजन मानस के लिए मुम्बई से आईजा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री हार्दिक जी इंडिया का पत्र देश अंग्रेजों के हाथो में था, हम गुलाम थे। देश को आज़ाद कराने हमारे देश के कई नेताओ, भारत देश के भारत वासियों को एक करने और अंग्रेजों के सामने लड़नें के लिये सभा पे सभा कर रहें थें।

अंग्रेजों को ये बात का पता चली तो उन्होंने, देश की आज़ादी के लिये, हम सभी भारत वासीयों को एक होने की सभाओं पर प्रतिबंध कर दिया, तब हमारे भारत के एक महापुरुष लोकमान्य तिलक जी ने एक धर्म सभा का आयोजन किया कि गणपति दादा की पूजा करेंगे, इस बहाने सभी भारतवासियों को एक होना हैं। हार्दिक हुंडिया ने कहा कि हें गजानन देवा, हमारी कोई ताक़त नहीं हैं कि हम आप का विसर्जन करे ? आप का विसर्जन करने से पहले हमारे में जो अवगुण पड़े है वो विसर्जन करने की ताक़त दो और हम साथ साथ देवो के देव महादेव का भी धर्म समझे। हम भी गणपति दादा के परम पिता दादा शंकर महादेवा की तरह विष भी अमृत की तरह पीयें ये शक्ति हमें मिले। दादा गणपति की मिट्टी की मुर्ती बना कर पूजा कराने वाले लोकमान्य तिलक जी ने हम सब को एक किया, अंग्रेजों के ख़िलाफ़ लड़ने के लिये दादा गणपतिजी के नाम हम सब इकट्ठा होते थे। शुरू शुरू में तो अंग्रेजों नेभी लोकमान्यजी के गणपति दादा की पूजा पर रोक नहीं लगाई लेकिन बाद में अंग्रेजों को भी मालूम पड़ा तो लोकमान्यजी को भी जेल में डाल दिया।

मैं जब पूना लोकमान्य जी घर पर गया तो वहाँ जब उनके फोटो या उनके घर पर जिस तरह से दर्शाया गया है देखके आँखों में आंसू आ गये। हम आज जो हसी ख़ुशी की ज़िंदगी जी रहे है इनके पीछे ऐसे देश के कई महापुरुषों का बलिदान है, उनकी लड़ाई है, उनकी देश के प्रति अनमोल भक्ति है । लोकमान्यजी ने भी अपनी ज़िंदगी देश के नाम कर दी थी। उन्होंने दादा गणपतिजी का आशीर्वाद और सहारा लेके हम सभी को एक किया था। दादा गणपति दादा का देश को आज़ाद कराने यानी सर्जन करने में बहुत बड़ा योगदान है, कैसे उपकार भूले दादा का। हार्दिक इंडिया का कहना है की हैं महा गजानन देवा, हमे ऐसी शक्ति दो की हममें जो बुराइयाँ है इस समय इनका भी विसर्जन करे और एक अनमोल हिंदू राष्ट्र का सर्जन में हम सब भागीदार बने और हें दादा आपकी तरह हम भी सर्जन करे, कराये या करने में भागीदार बने। उक्त बात वरिष्ठ समाजसेवी हार्दिक हुंडिया ने गणेश उत्सव पर आमजन को देश भावना रख विर्सजन नहीं सर्जन करने का आव्हान किया।

Related Post