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04 सितम्बर बुधवार को रतनगढ़ से प्रारम्भ होगी श्री चारभुजा नाथ गढबौर धाम तक पैदल यात्रा, 250 किलोमीटर से भी अधिक का सफर 10 दिनो मे तय करेंगे सैकड़ों श्रद्धालु भक्तगण

निर्मल मूंदड़ा September 3, 2024, 3:12 pm Technology

रतनगढ़ । हम अकेले ही चले थे मंजिले राह को, लोग जुड़ते गए कारवां बन गया" ऐसा ही कुछ सुखद संयोग हुआ है। श्री चारभुजा मित्र मंडल जिला नीमच के साथ इसे आप प्रभु श्री चारभुजा नाथ की अघाध श्रद्धा भक्ति का जुनून माने या कोई ईश्वरीय चमत्कार, कि आज से 33 वर्षों पूर्व रतनगढ के मात्र 7 व्यक्तियों के द्वारा रौंपा गया श्री चारभुजा पैदल यात्रा रुपी यह नन्हा सा पौधा आज एक विशाल वट वृक्ष के रूप में विकसित होकर सम्पूर्ण नीमच, मंदसौर जिले ही नहीं अपितु समीपस्थ राजस्थान के कई क्षेत्रों में भी मजबूती से अपनी जड़े फैला चुका है। राजेंद्र मंडोवरा (राजू भाई) रतनगढ वालों के नेतृत्व में आज से 33 वर्षों के पूर्व मात्र 7 व्यक्तियों की अगुवाई में श्री चारभुजा मित्र मंडल जिला नीमच के बैनर तले शुरू हुई यह पैदल यात्रा अब एक विशाल रूप लेते हुए इस वर्ष 34 वें वर्ष में भव्यता के साथ प्रवेश कर रही है।

प्रति वर्षानुसार निकलने वाली इस यात्रा मे सम्मिलित होने के लिए इस वर्ष पूरे जिले में अब तक 300 से भी अधिक श्रद्धालु भक्तों ने विभिन्न स्थानों पर निर्धारित पंजीयन केंद्रों पर अपना पंजीयन करवा लिया है इन स्थानों के पदयात्री होंगे सम्मिलित इस पैदल यात्रा में प्रमुख रुप से रतनगढ़, सिंगोली, उमर, बौरदिया, मुवादा, गरवाड़ा, आलोरी, डिकैन, रामनगर, दडौली, कुण्डला, मोरवन, सरवानिया महाराज, आमली भाट, मुकुंदपुरा, उपरेडा, बावल, जाट, कनैरा, जावद, पालराखेडा, कैलुखेडा, तारापुर, खोर, चैनपुरा, नयागाँव, भरभडिया, कानाखेडा, जीरन, हिंगोरिया, धनेरिया कला, छोटी सादड़ी, अचारी, खेडा केसुन्दा, निंबाहेड़ा, डीगाँव माली, सुबी, साबाखेडा, मंदसौर, भानपुरा, रामपूरा, नीमच आदि क्षेत्र के भक्तगण बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं। सभी के लिए समान रुप से नियमों का पालन करना है। अनिवार्य, नहीं होता कोई भेदभाव इस यात्रा की सबसे विशेष बात यह है। कि सभी यात्रियों को श्री चारभुजा मित्र मंडल जिला नीमच द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन सख्ती से करना अनिवार्य होता है। यात्रा के दौरान सभी पैदल यात्रियों के लिए नशीले पदार्थ व्यसन शराब, तम्बाकू, धूम्रपान इत्यादी पूर्ण रूप से निषेध है।

साथ ही यात्रा में गरीब- अमीर, ऊंच-नीच, छोटे-बड़े आदि का कोई भेदभाव नहीं रहता। सभी समाज वर्ग के 15 वर्ष के बच्चों से लेकर 75 वर्ष के बुजुर्गों तक सभी को समान रुप से नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। यात्रा में सम्मिलित होने वाले सभी श्रद्धालु भक्तजनों के मन में भगवान की भक्ति एवं दर्शनों का ऐसा जुनून एवं नशा चढ़ता है। कि 250 कि.मी.से भी अधिक का सफर भारी बारिश एवं नदी नालों, उबड़-खाबड़ पथरीले व किचड़ भरे रास्तो पर चलते हुए ईश्वर कृपा से भजन कीर्तन एवं सत्संग करते हुए निर्विघ्नं रूप से सकुशल कब श्री चारभुजा नाथ गढबौर धाम के दरबार में पहुंच जाते हैं। पता ही नही चलता। 4 सितम्बर बुधवार को रतनगढ़ से प्रारंभ होगी यात्रा कठे जाय अरजी करूँ, दायन आये और, सारोई कारज सारबो, बिराज्यां छे गढ़बोर" यही भावना मन में लेकर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भक्त अति चमत्कारी भगवान श्री चारभुजानाथ के दर्शनों के लिए पैदल निकल पड़ते है। यात्रा व्यवस्थापक राजेन्द्र मंडोवरा (राजू भाई) ने बताया कि चारभुजा नाथ गढबौर धाम जिला राजसमंद राज. तक तक पहुंचने वाली यात्रा दिनांक 4 सितम्बर बुधवार को दोपहर 3:15 बजे रतनगढ मे भगवान श्री गोवर्धननाथ मंदिर पर पूजा अर्चना एवं दर्शनों के पश्चात समस्त पैदल यात्रियों को अबीर गुलाल एवं लाल गमछा ओढाकर ढोल धमाकों के साथ विदाई दी जाएगी। जो डिकैन मे पहुंच कर रात्रि विश्राम करेंगे। इसके पश्चात दिं.5 सितम्बर गुरुवार को डिकैन से मोरवन होते हुए जावद में पहुंच कर रात्रि विश्राम करेंगे। दि.6 सितम्बर शुक्रवार को जावद, नीमच, कनेरा, सरवानिया महाराज से प्रस्थान कर नयागांव में सभी एक झंडे बैनर तले पहुंच कर आगे की यात्रा करेगें।

यहां पर स्वल्पाहार कर निंबाहेड़ा में रात्रि विश्राम होगा। दिं. 7 सितम्बर शनिवार को निंबाहेड़ा से चलकर आंवरी माता में स्वल्पाहार व रात्रि विश्राम, दिं.8 सितम्बर रविवार को आंवरी माता से प्रस्थान कर श्री सांवरिया जी में स्वल्पाहार व शनिदेव जी मंदिर मंडल धर्मशाला मे रात्रि विश्राम, दिं. 9 सित. सोमवार को शनिदेव जी से चलकर अकोला मे स्वल्पाहार व गुलाब वाटिका फतेहनगर मे रात्रि विश्राम, दिं. 10 सित. मंगलवार को फतेहनगर से प्रस्थान कर बीसा नीमा धर्मशाला श्री नाथद्वारा में पहुंच कर रात्रि विश्राम करेंगे। दिं. 11 सित. बुधवार को श्री नाथद्वारा से चलकर श्री रामेश्वरम् महादेव राजसमंद पहुंच कर रात्रि विश्राम करेंगे। दिं. 12 सित. गुरुवार को श्री रामेश्वरम् महादेव से चलकर श्री दुर्गा कुंड, राजसमंद होते हुए श्री चारभुजा नाथ गढ़बौर धाम के दरबार में पहुंच कर रात्रि विश्राम करेंगे। दिं. 13 सित. शुक्रवार को श्री चारभुजा नाथ से चलकर श्री रुपनारायण जी, रौकडिया हनुमान जी के दर्शनो के पश्चात दिं. 14 सितम्बर शनिवार को श्री चारभुजा नाथ में एकादशी महोत्सव में भाग लेंगे। दिं. 15 सितम्बर रविवार को प्रातः 9:30 बजे श्री चारभुजा नाथ गढबौर धाम को महा प्रसादी का भोग लगाकर दोपहर 12:30 बजे पुनः घर वापसी होगी। इस पैदल यात्रा को लेकर समुचे नीमच जिले ही नहीं आसपास के क्षेत्रों में भी एक अलग ही उत्साह एवं उमंग का वातावरण बना हुआ है।

श्री (टैंण) छिपा, चारभुजा पैदल यात्रा संघ के अनिल (टैणु) तरुण मूंदड़ा, हरिश माली, दिपक कोली, राजेश लोहार रतनगढ, किशन माली मुवादा, संदीप सोनी, शुभम मंडोवरा डिकेन, जितेंद्र चांडक सरवानिया महाराज, पंकज प्रजापत, रामानुज सोमानी जावद, हेमंत अजमेरा, मुरली मंडोवरा, निर्मल देव नरेला, राधा वल्लभ मंडोवरा नीमच, बहादुर सिंह आंजना खेड़ा केसुंदा, निलेश मंत्री भानपुरा, जयन्त राठोर डिकैन आदि भक्तगणों ने सभी भक्तो से अधिकाधिक संख्या में पैदल यात्रा में सम्मिलित होने का निवेदन किया है।

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