भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने के मुद्दे का राजनीतिकरण करने को लेकर विपक्षी महाविकास आघाडी (MVA) के खिलाफ रविवार को समूचे महाराष्ट्र में प्रदर्शन किया। मालवण तहसील में स्थित राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा की प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौसेना दिवस के मौके पर चार दिसंबर 2023 को इसका अनावरण किया था। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रकांत बावनकुले ने यहां प्रदर्शन में शिरकत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रतिमा के ढहने के सिलसिले में छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ-साथ मराठा योद्धा के प्रशंसकों से माफी मांग ली है।
बावनकुले ने कहा, उनकी माफी के बावजूद एमवीए वोट बैंक की राजनीति के लिए मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। एमवीए विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा है। मोदी ने पालघर में शुक्रवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या एक राजा नहीं हैं, बल्कि वह एक देवता हैं। मूर्ति के ढहने के संबंध में उन्होंने कहा था, आज मैं उनके चरणों में अपना सिर झुकाता हूं और अपने देवता से माफी मांगता हूं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर और राज्य के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन कर एमवीए को निशाने पर लिया।
इससे पहले दिन में एमवीए ने मुंबई में हुतात्मा चौक से 'गेट वे ऑफ इंडिया' तक मार्च निकाला। एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं। एमवीए नेताओं ने मूर्ति के ढहने को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लिया। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मांगी गई माफी में अहंकार की बू है और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने इस घटना को भ्रष्टाचार का नमूना बताया।