नीमच। नगर के स्वर्णकार धर्मशाला में संचालित समन्वय शाखा पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा अमृत प्रकृति वंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में माननीय जिला संघचालक श्री अनिल जी जैन पर्यावरण के विभाग संयोजक श्री यशवंत जी यादव के साथ समन्वय शाखा के स्वयंसेवक उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत में पर्यावरण विभाग संयोजक यशवंत जी यादव एवं सभी स्वयंसेवकों ने तुलसी व पीपल के पेड़ की विधिवत पूजन कर अधिक से अधिक पेड़ लगाने का संकल्प लिया । जिसके पश्चात पर्यावरण विभाग संयोजक यशवंत जी यादव ने अमृत प्रकृति वंदन का महत्व बताते हुए कहा कि प्रत्येक जीव प्रकृति के सहारे ही जीवित है, किंतु केवल मनुष्य ही है जो इसके संतुलन को बिगाड़ता है,
इसलिए इसे सुधारने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। जब भी पर्यावरण संरक्षण की बात की जाती है तो राजस्थान की वीर नारी अमृता देवी के चिपको आन्दोलन को याद किये बगैर चर्चा समाप्त नहीं हो सकती। राजस्थान के जोधपुर शहर से 28 किलोमीटर दूर खेजड़ली में हरे वृक्ष खेजड़ी को कटने से बचाने के लिए अमृता देवी के आह्वान पर 363 लोगों ने खुद को बलिदान कर दिया और समूचे विश्व को प्रकृति और पर्यावरण बचाने की प्रेरणा दी जिसमें अमृता देवी के साथ उनकी तीन पुत्रियां, 69 अन्य महिलाएं व शेष पुरुष शामिल थे। कार्यक्रम में सामाजिक समरसता स्थापित करते हुए वाल्मीकि बंधु का सम्मान भी किया गया।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर तुलसी मां और पीपल देव को जल चढ़ाकर पूजन, आरती की।