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अस्पताल बना अखाड़ा... मरीज का उत्पात, पथराव में कई चोटिल-डॉक्टर का सिर फटा, काम बंद

Neemuch headlines May 25, 2024, 3:40 pm Technology

ग्वालियर के जिला अस्पताल में उपचार कराने पहुंचे एक मरीज का डॉक्टर से देखने को लेकर हुए विवाद के बाद अस्पताल अखाड़े में तब्दील हो गया. मरीज के साथियों के साथ मिलकर पहुंचे लोगों ने अस्पताल परिसर में जमकर उत्पात मचाया. उन्होंने पथराव भी किया, जिससे अनेक लोग घायल हो गए, लेकिन एक डॉक्टर के सिर में ज्यादा चोटें आईं हैं, जिससे उनकी हालत गम्भीर है. घटना के बाद डॉक्टर और स्टाफ ने काम बंद कर दिया, जिससे अस्पताल में व्यवस्थाएं ठप्प हो गईं. स्टाफ और डॉक्टर ने सुरक्षा की मांग करते हुए मुरार थान में डेरा डाल लिया. क्या है मामला? प्राप्त जानकारी के अनुसार, ओपीडी (OPD) में मरीजों को देख रहे चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ दिलीप राजौरिया के पास एक व्यक्ति पहुंचा, उसने बताया कि उसे घबराहट हो रही है. डॉ राजौरिया ने उससे मेडिसिन के डॉक्टर को दिखाने को कहा. इस बात को लेकर दोनों के बीच मामूली विवाद हुआ. मरीज बाद में देख लेने की बात कहकर चला गया. उसके बाद डॉक्टर पेशेंट देखने मे बिजी हो गए, कुछ ही देर बाद वह पेशेंट अपने कुछ साथियों के साथ ओपीडी में आ धमका और उन्होंने सीधे डॉ राजौरिया को टारगेट कर पीटना शुरू कर दिया. उनके सिर में किसी धारदार हथियार या पत्थर से हमला किया जिससे गहरा घाव हो गया. ज्यादा खून निकलने से वे बेहोश होकर गिर पड़े. अन्य पेशेंट और स्टाफ ने जब डॉक्टर को बचाने का प्रयास किया तो हमलावरों ने पथराव शुरू कर दिया.

इससे उन्हें भी मामूली चोटें आईं. पथराव और मारपीट के बाद अस्पताल में हड़कम्प मच गया. अफरा-तफरी के बीच भगदड़ की स्थिति बन गयी. डॉ राजौरिया के सिर में पत्थर लगा और वे लहूलुहान होकर गिरे पड़े थे. इसके बाद हमलावर वहां से भाग निकले. मेडिकल स्टाफ ने काम बंद किया इस घटना के बाद जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ ने काम बंद कर दिया. इससे हॉस्पिटल में अव्यवस्था फैल गई. डॉक्टर और स्टाफ अस्पताल छोड़कर मुरार थाने पहुंच गए. वे अपनी सुरक्षा की मांग करने लगे. घटना की सूचना मिलते ही सीएमएचओ (CMHO) डॉ आरके राजौरिया पहले अस्पताल फिर मुरार थाने पहुंचे. उन्होंने स्टाफ और पुलिस अफसरों से बातचीत की. इस बीच पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया है. अस्पताल के आरएमओ डॉ आलोक पुरोहित ने कहा है कि अस्पताल में 24 घण्टे सुरक्षा व्यवस्था की जाए अन्यथा स्टाफ का काम करना मुश्किल है.

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