नई दिल्ली। इन दिनों, भारत से यूएस, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और चीन में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों को वीजा प्राप्त करने में देरी हो रही है और नए नियमों के कारण कई छात्रों को परेशानी हो रही है। दरअसल यूएस वीजा के लिए अपॉइंटमेंट प्राप्त करने में तीन से चार महीने का समय लग रहा है।
वहीं यूके की वीजा पॉलिसी में परिवर्तनों के कारण छात्रों को समस्या हो रही है। जबकि कनाडा ने राजनीतिक संबंधों के कारण वीजा पॉलिसी को सख्त कर दिया है, जिससे छात्रों को मुश्किल हो रही है। जानकारी में सामने आया है कि कनाडा के वीजा रिजेक्शन की दर 20% तक बढ़ गई है। यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आवश्यक सुरक्षा निधि की राशि जो कि 6 लाख रूपए थी अब उसे बढ़ाकर 12 लाख रुपए कर दी गई है। दूसरी ओर, भारत की नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों के कारण भी बड़ी परेशानियों से छात्रों को गुजरना पड़ रहा हैं। दरअसल बदले हुए नियमों के चलते तीन साल में विदेश जाने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स की संख्या में 55 से 60 फीसदी तक की बड़ी कमी आई है। बड़े देशों में भी जाना मुश्किल: दरअसल स्टूडेंट वीजा के स्लॉट मिलने में यूएस में 3 से 4 महीने का समय लग रहा है, लेकिन यूएस एम्बेसी ने बताया है कि जून या जुलाई में अपॉइंटमेंट के स्लॉट खुलेंगे।
चीन भी वीजा नियमों में कुछ सख्ती बढ़ा रहा है, जबकि युक्रेन में युद्ध की स्थिति के कारण स्टूडेंट्स का वहां जाना बंद हो गया है। जानकारी के अनुसार अब यूके ने 2024 के जनवरी से वर्क वीजा के लिए कम से कम 38 लाख रुपए का पैकेज जरूरी कर दिया है, यानी अब यूके वहीं जा सकेंगे जिनका मिनमम पैकेज 38 लाख रूपए हैं हालांकि पहले यह 26 लाख रुपए था।