नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में राज्यसभा की 15 सीटों के लिए आज मतदान होगा। चुनाव परिणाम मंगलवार को ही देर शाम को घोषित कर दिए जाएंगे। मोदी गारंटी भारत बनेगा विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था 10 वर्षों में 11वें से 5वें स्थान पर आया भारत चुनाव आयोग ने 15 राज्यों में 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव की घोषणा की थी। इनमें से 12 राज्यों में 41 उम्मीदवारा निर्विरोध चुन लिए गए। उत्तर प्रदेश की 10 सीटों, कर्नाटक की 4 और हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर मंगलवार को मतदान कराया जाएगा। क्या है यूपी का गणित: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। भाजपा से नवीन जैन, आरपीएन सिंह, चौधरी तेजवीर सिंह, अमरपाल मौर्य, साधना सिंह, संगीता बलवंत, सुधांशु त्रिवेदी, और संजय सेठ हैं जबकि सपा से जया बच्चन, आलोक रंजन और रामजी सुमन मैदान में हैं। भाजपा के 7 और सपा के 2 उम्मीदवार की जीत पक्की है। भाजपा को अपने 8वें उम्मीदवार को जिताने के लिए 8 और वोट चाहिए। सपा विधायक इरफान सोलंकी और सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी जेल में बंद होने के चलते वोट नहीं डाल सकेंगे। ऐसे में सुभासपा, रालोद और राजा भैया की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। क्या कहता है कर्नाटक का गणित: कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव के लिए 5 उम्मीदवार अजय माकन, सैयद नसीर हुसैन और जी.सी. चंद्रशेसार (सभी कांग्रेस), नारायण बंदगे (भाजपा) और कुपेंद्र रेड्डी (जनता दल सेक्युलर) मैदान में हैं। 'क्रॉस वोटिंग' की आशंकाओं के बीच सभी पार्टियों ने मंगलवार को होने वाले मतदान के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है। मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को एक होटल में स्थानांतरित कर दिया। कर्नाटक में कांग्रेस के पास 134 विधायक जबकि भाजपा के पास 66 और जद (एस) के पास 19 विधायक है, जबकि 4 अन्य विधायक हैं। कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव का माहौल तब दिलचस्प हो गया जब भाजपा-जद (एस) गठबंधन ने अपना दूसरा उम्मीदवार (कुपेंद्र रेड्डी) मैदान में उतारा, हालांकि गठबंधन 4 में से केवल एक सीट जीतने की ताकत रखता है। प्रत्येक उम्मीदवार को जीत के लिए 45 वोट हासिल करने होंगे।
हिमाचल में कांग्रेस का व्हिप भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार हर्ष महाजन के जीत के दावों के बीच कांग्रेस ने अपने विधायकों को पार्टी उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को वोट देने के लिए व्हिप जारी किया है। तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे और राज्य के पूर्व मंत्री महाजन ने सितंबर 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। व्हिप के बाद सभी उम्मीदवारों को अधिकृत एजेंट को मतपत्र दिखाना होगा और यदि किसी विधायक ने मतपत्र दिखाने से इनकार कर दिया तो एजेंट मतपत्र को अवैध घोषित कर सकता है।