नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक 'श्वेत पत्र' लोकसभा में पेश किया। सीतारमण ने गत एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए अपने भाषण में कहा था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल (2004-14) में हुए 'आर्थिक कुप्रबंधन' पर 'श्वेत पत्र' जारी किया जाएगा।
सीतारमण ने गुरुवार को 'श्वेत पत्र' सदन में रखा। उन्होंने कहा, "मैं भारतीय अर्थव्यवस्था पर 'श्वेत पत्र' हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में पेश करती हूं।" हर नागरिक को स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी आयुष्मान भारत 'निरामयम' योजना 3.86 करोड़ से अधिक हितग्राहियों के बने
आयुष्मान कार्ड क्या होता है श्वेत पत्र :-
बजट सत्र में केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले श्वेत पत्र के बारे में बता दें कि यह तरह से सूचनात्मक रिपोर्ट कार्ड होता है जिसमें सरकार की नीतियों, कामकाजों और अहम मसलों को रेखांकित किया जाता है। खासतौर पर सरकारें 'श्वेत पत्र' किसी मसले पर बहस करने, सुझाव लेने या देने के साथ एक्शन के लिए लाती है। हर परिवार को पक्का मकान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी) 36 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों एवं 7.15 लाख से अधिक शहरी परिवारों को पक्का आवास क्यों लाया गया है
श्वेत पत्र :-
सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में सदन के पटल पर श्वेत पत्र इसलिए ला रही है ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं। इस श्वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी। उसके पहले लगातार 10 वर्षों यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए गठबंधन की सरकार रही थी।