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प्रचार सामग्री के प्रदर्शन के संबंध में निर्देश, मुद्रित प्रचार सामग्री पर मुद्रक प्रकाशक का नाम, पता अंकित होना जरूरी

Neemuch headlines October 16, 2023, 6:48 pm Technology

नीमच । भारत निर्वाचन आयोग नईदिल्ली के निर्देशानुसार वर्तमान में म.प्र. विधानसभा निर्वाचन-2023 की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होकर प्रदेश में म.प्र. सम्पति विरूपण निवारण अधिनियम लागू है। निर्वाचन सामग्री यथा पेम्पलेट, पेस्टर, झण्डे, कटआऊट होर्डिंग आदि का राजनैतिक दल एंव अभ्यर्थियों द्वारा प्रचार प्रयाजन से प्रदर्शित किया गया है। ऐसी प्रचार सामग्री के प्रदर्शन के लिए आयोग द्वारा जारी निर्देशों के बारे में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दिनेश जैन ने बताया कि किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री शासकीय परिसरों या सिविल स्ट्रक्चर पर प्रदर्शित नही की जायेगी। निजी सम्पति पर प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने के दौरान म.प्र. सम्पति विरूपण निवारण अधिनियम के प्रावधानों का पालन कर, निजी सम्पत्ति स्वामी से इस बाबत लिखित में दो प्रति में सहमति प्राप्त की जायेगी।

इसमे एक प्रति सम्पति स्वामी के पास रखी जायेगी, जो प्राधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर प्रस्तुत की जायेगी। दूसरी प्रति दल अथवा अभ्यर्थी द्वारा तीन दिवस में संबंधित आरओ को प्रस्तुत की जायेगी।

जिला निर्वाचन अधिकारी जैन ने स्पष्ट किया है, कि न्यायालय के किसी आदेश के अधीन, राजनीतिक दल, उनके अभिकर्ता, कार्यक्रर्ता एंव समर्थक अपनी स्वेच्छा से बिना किसी दबाव के स्वयं की सम्पति पर झण्डे, बेनर, कटआउट, प्रदर्शित कर सकते है। बशर्ते उससे किसी को असुविधा न हो। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया, कि यदि प्रचार सामग्री पर अभ्यर्थी को मत देने की अपील मद्रित है, तो ऐसी सामग्री के प्रदर्शन के लिए अभ्यर्थी से लिखित अनुमति प्राप्त करना होगी, अन्यथा ऐसी सामग्री का प्रदर्शन आयपीसी की धारा 171 एच के तहत अवैध धारा-171 प्रचार के लिए अपराध माना जायेगा। अभ्यर्थी द्वारा इस प्रकार प्रदर्शित प्रचार सामग्री की जानकारी तीन दिवस में ग्राम, स्थल, शहरवार संबंधित आरओ को देना होगी। जिसमें, सम्पति स्वामी की अनुमति संलग्न होगी, ताकि आरओ, निर्वाचन प्रेक्षक अथवा निर्वाचन में संलग्न प्राधिकारी को जांच में सुविधा हो। ऐसे प्रचार पर उपगत व्यय अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोडा जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया, कि सभी प्रकार की मद्रित सामग्री पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-12 ए के निर्देशों के पालन में मुद्रक तथा प्रकाशक का नाम एंव पता प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।

सभी राजनीतिक दल एंव अभ्यर्थियों से आयोग के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की अनुरोध किया गया है।

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