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जैन साध्वी बनेंगी मीणा समाज की बेटी तमन्ना, 5 नवंबर को नीमच में दीक्षा लेगी, कथा सुनकर हुई प्रभावित

Neemuch headlines October 16, 2023, 2:11 pm Technology

जयपुर। राजस्थान के टोंक जिले के तमन्ना मीणा जैन साध्वी बनेंगी। तमन्ना टोंक जिले के उखलाना गांव की रहने वाली हैं। सकल जैन समाज की ओर से तमन्ना की लगातार शोभायात्रा निकाली जा रही है।

28 अक्टूबर को उकलाना गांव में जैन समाज की ओर से एक बड़ा आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के कोने- कोने से लोग पहुंचेंगे। इससे पहले शनिवार को चौथ का बरवाड़ा में जैन समाज की ओर से शोभायात्रा निकाली गई।

21 साल की तमन्ना मीणा 5 नवंबर को नीमच (मध्य प्रदेश) में दीक्षा लेंगी। बेटी के साध्वी बनने के फैसले पर उनका परिवार भी साथ है। उनका कहना है कि बेटी के बिछड़ने के दुख है, लेकिन धर्म के मार्ग के फैसले से गर्व हैं। आठ बहनों ऐप पर पढ़ें छोटी तमन्ना पढ़ाई में भी होशियार रही हैं। अचानक उनक वैराग्य पथ को अपनाने पर भास्कर ने तमन्ना और उनके परिवार से बात की। माता-पिता बेटी के फैसले के साथ तमन्ना के पिता शुभकरण मीणा खेती करते हैं, वहीं मां गृहणी हैं।

मां मनभर देवी ने बताया कि तमन्ना पढ़ाई में हमेशा से होशियार रही है। फिलहाल बीएससी सेंकेड ईयर में पढ़ाई कर रही थी। इस दौरान उसने दीक्षा लेने का फैसला लिया। दूसरे बच्चों की तरह पढ़-लिखकर नौकरी करेगी, ऐसा ही सोचा था। लेकिन दीक्षा लेने के उसके फैसले ने पूरे परिवार को दिया है। मां ने कहा कि उनकी आठ बेटियां है। उनके कोई बटा नहीं है।

सात बेटियों की शादी हो चुकी है। उनकी सभी बेटियां और वह गृहस्थ जीवन में सुखी हैं। उन्होंने कहा कि बेटी के परिवार से बिछड़ने एक दर्द है लेकिन धर्म के मार्ग का फैसला लेने से उनका दर्द गौरव में बदल गया है। अब उन्हें बेटी के घर से जाने का कोई दुख नहीं है बल्कि खुशी है। पिता ने बताया कि बेटी के इस निर्णय से सभी सहमत हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वैराग्य पथ पर चलकर यह एक अच्छा मुकाम हासिल करे। जैन मुनि की कथा सुनकर हुई प्रभावित तमन्ना बताती हैं कि उनके गांव उखलाना में अक्सर जैन मु आते रहते हैं। साल 2019 में जैन मुनि रामलाल महाराज ने यहां चार्तुमास किया। इस दौरान वह नियमित प्रवचन सुनने जाती थी। तभी से उसका जैन धर्म से जुड़ाव हुआ था बाद जब अलीगढ़ में मुनि का चातुर्मास हुआ तो भर ऐप पर पढ़ें गई।

इसके बाद धर्म के प्रति उसकी रुचि बड़ी तथा जैन मुनियों द्वारा जो धर्म की बात बताई गईं, उनसे वह काफी इंप्रेस हुई। जैन धर्म में बताया गया है कि बड़ी-बड़ी राजकुमारियों ने भी इस मार्ग को अपनाया है। ऐसे में उसने सोचा कि जब बड़ी-बड़ी राजकुमारी ऐसा कर सकती हैं तो किसान की बच्ची क्यों नहीं कर सकती।

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